
Sariska Tiger Reserve: सरिस्का टाइगर रिजर्व से वनप्रेमियों के लिए बड़ी खुशी की खबर सामने आई है. यहां बाघों का कुनबा बढ़ा है. कुछ दिनों पहले यहां से एक बाघिन के प्रेग्नेंट होने की खबर सामने आई थी. अब पता चला है कि उक्त बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है. दरअसल सरिस्का टाइगर रिजर्व के जंगल में पेड़ों पर जंगली जीवों की ट्रैकिंग के लिए लगाए गए कैमरे में बाघिन अपने तीन शावकों के साथ नजर आई है. इस तस्वीर को वन विभाग के अधिकारियों ने जारी किया है.
बाघिन एसटी-12 ने तीन शावकों को दिया जन्म
मिली जानकारी के अनुसार सरिस्का टाइगर रिजर्व की तालवृक्ष रेंज में बाघिन एसटी-12 ने 3 शावकों को जन्म दिया है. इस बाघिन ने तीसरी बार शावकों को जन्म दिया है. इस खबर के बाद सरिस्का प्रशासन और वन्य जीव प्रेमियों में खुशी की लहर है. सरिस्का में अब बाघों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है.
शावक तीन महीने के हो चुके हैं
सरिस्का के उपवन संरक्षक ने बताया कि इस बाघिन की मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए कैमरे में बाघिन 3 शावकों के साथ नजर आई. शावक लगभग 3 माह के है. जो अपनी मां के साथ विचरण करते नजर आ रहे हैं. बाघिन एसटी-12 की उम्र लगभग 10 वर्ष है, यह बाघिन एसटी-10 की बेटी है.
इससे पहले भी बाघिन ने दो बार 6 शावकों को दिया है जन्म
बाघिन एसटी-12 ने तीसरी बार शावकों को जन्म दिया है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघिन एसटी-12 ने पहली बार साल 2018 में 3 शावक (एसटी-19, एसटी-20, एसटी-21) और दूसरी बार वर्ष 2021 में भी 3 शावकों (एसटी-23, एसटी-24, एसटी-25) को जन्म दिया था.
सरिस्का में अब 11 व्यस्क बाघ, 14 व्यस्क बाघिन और 8 शावक
उन्होंने बताया कि बाघिन एसटी-12 एवं शावकों की कैमरा ट्रैप लगाकर नियमित ट्रेकिंग /मोनिटरिंग की जा रही है. सरिस्का टाईगर रिजर्व में अब 11 व्यस्क बाघ, 14 व्यस्क बाघिन एवं 8 शावक हो गए हैं. मालूम हो कि सरिस्का टाइगर रिजर्व राजस्थान के अलवर जिले में हैं. यहां बड़ी संख्या में लोग टाइगर सफारी के लिए जाते हैं.
सीएम भजनलाल शर्मा ने ट्वीट करते हुए दी बधाई
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को 'एक्स' पर इस बारे में एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘शानदार खुशखबरी... सरिस्का बाघ अभयारण्य के तालवृक्ष रेंज में बाघिन ‘एसटी 12' को तीन नए शावकों के साथ कैमरे में कैद किया गया है.''
उन्होंने यह भी लिखा, ‘‘पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रकृति के अद्वितीय विरासत, बाघों का होना अत्यंत आवश्यक है. शक्ति, खूबसूरती व सामर्थ्य के प्रतीक, 'राष्ट्रीय पशु' बाघ के संरक्षण-संवर्धन हेतु हमारी सरकार संकल्पबद्ध है.'
शानदार खुशखबरी...
— Bhajanlal Sharma (Modi Ka Parivar) (@BhajanlalBjp) March 13, 2024
सरिस्का टाइगर रिजर्व्स के तालवृक्ष रेंज में बाघिन एसटी 12 को 3 नए शावकों के साथ कैमरे में कैद किया गया है, जिसके साथ अब सरिस्का में 25 वयस्क बाघ और 8 शावक की कुल संख्या है। अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रकृति के अद्वितीय विरासत, बाघों का होना अत्यंत… pic.twitter.com/5IeJqXChM4
2005 में बाघ विहीन हो गया था सरिस्का
दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत शृंखला अरावली में सरिस्का अभयारण्य 1213.34 वर्ग किलोमीटर में फैला है. सरिस्का में 2005 में कोई बाघ नहीं बचा था. यहां फिर से बाघों की बसावट के लिए, साल 2008 में सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से दो बाघ-बाघिन को लाकर बाघ पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया गया था. सरिस्का में बाघों के अलावा तेंदुए की बड़ी आबादी है. सरिस्का में सांभर, चीतल, नीलगाय और लंगूर आदि भी पाये जाते हैं.
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