
Rajasthan News: राजस्थान में अब डुप्लीकेट टैग के जरिए गौशाला पर दोबारा अनुदान राशि उठाना संभव नहीं होगा. गोपालन विभाग ने गौशालाओं से जुड़े फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए अपने एप में बड़ा तकनीकी सुधार किया है. मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय गौवंश की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताकर करोड़ों रुपये का फर्जी भुगतान उठाया गया था. जांच के बाद जैसलमेर जिले की 28 गौशालाओं को दोषी पाते हुए उन्हें ब्लैकलिस्ट किया गया है.
एप में किए गए बदलाव
अब गौशालाओं को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए विभागीय एप में व्यापक तकनीकी बदलाव किए गए हैं. इसके चलते नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक के 150 दिनों की बकाया करीब 811 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी की जाएगी. गोपालन मंत्री ने बताया कि विभागीय जांच में अब तक 49 हजार 314 डुप्लीकेट टैग वाले गौवंश चिह्नित किए गए हैं.
इसको लेकर गौशालाओं की अनुदान राशि तत्काल रोकी गई है, जिससे सरकारी खजाने की 29.58 करोड़ रुपये की राशि की बचत हुई है. पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला खोलने के लिए प्रति नंदीशाला एक करोड़ 57 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.
8 जिलों में रिकवरी नोटिस जारी
अब तक 109 नंदीशालाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 10 में काम पूरा हो चुका है और 4708 नंदियों को वहां रखा गया है. 34 नंदीशालाओं का निर्माण कार्य अभी जारी है. मंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 1962 मोबाइल वेटनरी यूनिट्स से 48 लाख पशुओं का उपचार किया जा चुका है, जिससे 11.92 लाख से अधिक पशुपालकों को लाभ हुआ है.
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत अब तक 20.30 लाख पशुओं का पंजीकरण किया गया है, जिनमें से 6.57 लाख पशुओं की बीमा पॉलिसी भी जारी हो चुकी है. अगले वित्तीय वर्ष में 42 लाख पशुओं का बीमा किया जाएगा. मंत्री कुमावत ने स्पष्ट किया कि गौवंश के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. आठ जिलों में अनियमितताओं के आधार पर रिकवरी नोटिस भी जारी किए गए हैं.
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