विज्ञापन

आसाराम की अंतरिम जमानत पर आया कोर्ट का फैसला, जानें गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने क्या दिया जजमेंट

आसाराम की जमानत याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट का फैसला सामने आ चुका है. चीफ जस्टिस ने अब इस पर अपना अंतिम फैसला दे दिया है.

आसाराम की अंतरिम जमानत पर आया कोर्ट का फैसला, जानें गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने क्या दिया जजमेंट

Asaram Bail: रेप मामले में दोषी आसाराम काफी समय से सजा काट रहा है. वहीं आसाराम ने हाल हीमें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर है. जबकि 31 मार्च को आसाराम की जमानत का समय समाप्त होने वाला है. ऐसे में आसाराम की ओर से जमानत को आगे बढ़ाने के लिए याचिका दायर की थी. गुजरात हाई कोर्ट के दो जजों की बेंच ने जमानत पर अलग-अलग राय पेश की थी. पहले जस्टिस ने 3 महीने का एक्सटेंशन देने के पक्ष में थे. वहीं दूसरे जस्टिस जमानत आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे. इसके बाद फाइल गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास पहुंचा था. वहीं अब चीफ जस्टिस ने इस पर अपना जजमेंट दे दिया है.

गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने आसाराम के अंतरिम जमानत को बढ़ाने पर फैसला दिया है. अंतरिम जमानत को 31 मार्च के बाद आगे बढ़ाने का फैसला दिया है. कोर्ट ने 3 महीने की अंतरिम जमानत (Interim Bail) दे दी है. कोर्ट के फैसले के बाद आसाराम को 30 जून तक के लिए जमानत मिल गई है.

अब राजस्थान HC में लगेगी अगली याचिका

आसाराम ने गांधीनगर दुष्कर्म केस में 6 महीने की स्थाई जमानत मांगी थी. लेकिन आसाराम को तीन महीने की अंतिरम जमानत बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. वहीं अब आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से भी जमानत बढ़वानी होगी. क्योंकि जोधपुर दुष्कर्म केस में भी वो दोषी है और कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई हुई है.

जमानत के लिए कोर्ट में मौलिक अधिकारों का हवाला

आसाराम ने जमानत अवधि बढ़वाने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में कई तरह की मेडिकल रिपोर्ट पेश की है. उसने मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए तर्क दिया है कि वह 86 साल का है और दुनिया में बहुत कम लोग 75-80 वर्ष की आयु के बाद कोई इनवेसिव सर्जरी सहन कर पाते हैं. उसने बताया कि भारतीय संविधान के तहत दोषियों के भी अपने अधिकार होते हैं. यदि कोई व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इलाज की आवश्यकता महसूस करता है, तो यह अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत आता है.

आसाराम ने तर्क दिया कि सिर्फ इसलिए कि आरोप गंभीर हैं और मैं आजीवन कारावास भुगत रहा हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि यदि मृत्यु आए तो उसे जल्द लाया जाए. यदि अच्छे इलाज से इसे टाला जा सकता है, जिसकी मुझे आवश्यकता है, तो भारतीय संविधान के तहत दोषियों को भी यह अधिकार प्राप्त है.

आसाराम को क्या बीमारी है?

एम्स जोधपुर की एक रिपोर्ट के अनुसार, आसाराम को कोरोनरी आर्टरी डिजीज है, इसलिए वह "हाई रिस्क श्रेणी" में आता है. इन रिपोर्टों के अनुसार, आसाराम को विशेष नर्सिंग देखभाल, करीबी निगरानी, नियमित रूप से एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट से परामर्श की आवश्यकता है. आसाराम की वकील के मुताबिक, आसाराम की कई मेडिकल जांच की गई हैं और सभी विशेषज्ञों की सलाह और रिपोर्ट में कम से कम एक बात समान है कि यह एक घातक स्थिति है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आवेदक की स्थिति या स्वास्थ्य बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

यह भी पढ़ेंः Samay Raina Case: अश्लील जोक्स मामले में पूछताछ के लिए पेश हुए समय रैना 

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close