Rajasthan News: नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के स्थापना दिवस पर बीकानेर में महारैली करके शक्ति प्रदर्शन किया है. इस दौरान RLP प्रमुख बेनीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. साथ ही राजस्थान में अपराध, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को लेकर भजनलाल सरकार को निशाने पर लिया है. हनुमान बेनीवाल ने महारैली में आए लोगों से कांग्रेस और बीजेपी को खत्म करने की अपील करते हुए प्रदेश में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की सरकार बनाने का आह्वान किया है.
जिस दिन दिल्ली कूच का ऐलान किया...
RLP की महारैली में हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मैं हर मुद्दे पर बोलता हूं. हमारे संघर्ष का परिणाम है कि जिस दिन अग्निवीर भर्ती आई थी तो 25 प्रतिशत को रखकर 75 प्रतिशत को वापस भेजने की बात आई थी. लेकिन सरकार को पीछे हटना पड़ा और मोदी सरकार बोली, अब 75 को रख लेंगे, 25 बाहर भेज रहे हैं. जिस दिन मैंने दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया, वह 25 भी हट जाएगा. फिर पूर्व की तरह भारतीय सेना में भर्तियां होंगी.

RLP की महारैली में हनुमान बेनीवाल
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'बहुत से नेता आए और भाग गए'
इस राजस्थान में मेरे साथ बहुत से नेता आए और मैदान छोड़कर भाग गए, लेकिन हनुमान बेनीवाल पिछले 25 साल से पूरी जवानी सत्ता को ठोकर मारकर किसान औ गरीबों के साथ खड़ा है. इस प्रदेश और देश के अंदर जब मेरी आवश्यकता पड़ी तो मैं लोगों के साथ खड़ा रहा. राजस्थान के तमाम लंबित मुद्दों के लिए मैंने संघर्ष किया. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मुझे न तो कोई सत्ता अपनी तरफ मोड़ सकती है, न मेरी कोई रेड तय कर सकता है. अगर मैं कमजोर होता और दूसरे मामलों में होता तो अमित शाह और मोदी की ईडी-सीबीआई मेरे घर तक आ जाती.
'मेरी आदत, फाइनल लड़ाई लड़ता हूं'
मैं हमेशा पूरी लड़ाई लड़ता हूं, कभी सेमीफाइनल नहीं खेलता हूं. मेरी आदत है कि मैं फाइनल लड़ाई लड़ता हूं. वसुंधरा के खिलाफ लड़ा था तब लोगों ने कहा था कि वसुंधरा आपको कुचल देगी, जेल में डाल देगी तो मैंने कहा कि इनको सात समुंदर पार भेज दूंगा और सात समुंदर पार उसी जगह भेज दिया, जहां उनके दोस्त ललित मोदी हैं. अब भजनलाल की बारी है.

बीकानेर में RLP की महारैली
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'फोन टैपिंग में शामिल अधिकारी महत्वपूर्ण पद पर बैठे'
आरएलपी प्रमुख बेनीवाल ने कांग्रेस के सियासी संकट के दौरान आरएलपी के स्टैंड कहा कि राज्य में अफसरशाही है. इस सरकार में वहीं अधिकारी प्रमुख पदों पर हैं जो पिछली कांग्रेस सरकार में फोन टैपिंग जैसे विवादों में शामिल थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सियासी संकट के दौरान उन्होंने अपने तीन विधायकों के साथ सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थन दिया था. हमारे तीन विधायक भाजपा के विधायकों के साथ खड़े थे, लेकिन तब कहा गया था कि जो फोन टैपिंग में शामिल अधिकारी हैं, उनका इलाज सत्ता में आकर किया जाएगा. आज वही अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं.
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