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"इतने जूते पड़ेंगे कि गिनती..." छात्र की मौत पर करणी सेना की स्कूल को धमकी, 50 लाख और सरकारी नौकरी की मांग

उदयपुर में झाडोल के नामली गांव में स्कूल बस के नीचे आने से 4 साल के मासूम छात्र की मौत के बाद आज भारी विरोध देखने को मिला.

"इतने जूते पड़ेंगे कि गिनती..." छात्र की मौत पर करणी सेना की स्कूल को धमकी, 50 लाख और सरकारी नौकरी की मांग
करणी सेना के पदाधिकारियों ने हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन में हिस्सा लिया
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राजस्थान में उदयपुर जिले के एक गांव में एक स्कूल बस से कुचलकर एक छात्र की मौत पर भारी हंगामा हो रहा है. मंगलवार 28 अक्टूबर को झाडोल तहसील के नामली गांव में 4 साल के एक मासूम छात्र चित्रराज की अपने ही स्कूल की बस से कुचलकर दर्दनाक मौत हो गई थी. हादसे के लिए मृत छात्र के परिवार वालों ने स्कूल और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि अगर समय पर उचित उपचार मिलता तो शायद बच्चे की जान बच जाती. परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में बच्चे को स्थानीय अस्पताल में उचित उपचार नहीं मिल सका. दुर्घटना के बाद कल गांव में बड़ी संख्या में लोग जुट गए थे. आज भी वहां हॉस्पिटल के बाहर राजपूत समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया जिसमें करणी सेना के पदाधिकारी भी शामिल हुए.

हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन

झाडोल के नामली गांव में स्कूल बस के नीचे आने से 4 साल के मासूम छात्र की मौत के बाद आज भारी विरोध देखने को मिला. सुबह से ही झाडोल के हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोग इकट्ठा हो गए. उन्होंने राजस्थान पब्लिक स्कूल झाडोल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. 

प्रदर्शन में शामिल करणी सेना, उदयपुर के  जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह चुंडावत ने कहा कि इस हादसे के लिए मृत छात्र के परिवार के सदस्य को 50 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाए, साथ ही परिवार के एक सदस्य को एक सरकारी नौकरी दी जाए तथा स्कूल में भी एक सदस्य को नौकरी दी जाए. उन्होंने मांगे नहीं मानने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.

तनाव को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की गई

तनाव को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की गई
Photo Credit: NDTV

करणी सेना की मांग और धमकी

करणी सेना के जिलाध्यक्ष ने कहा कि कल कुछ ऐसी खबरें फैलाई गईं जो भ्रम फैलाने वाली थीं. अर्जुन सिंह चुंडावत ने कहा,"मेरे सुनने में आया कि विद्यालय के लोगों ने हमारे लोगों को डराने धमकाने की कोशिश की. स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी कान खोलकर सुन लें. हमारे लोगों को डराना बंद करें वरना जूते इतने पड़ेंगे कि गिनती कोई और करेगा. हम डरने वाले लोगों में से नहीं हैं. अगर विद्यालय, सरकार और प्रशासन उनकी मांगें जल्दी नहीं मानता तो आगे वो जो कार्रवाई करेंगे उसकी ज़िम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी."

झाडोल में तनाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने एहतियात के तौर पर दो थानों के अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर बुलाया. साथ ही दोनों पक्षों के साथ मामले को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है. प्राथमिक रूप से आर्थिक सहायता और निजी स्कूल में नौकरी देने की सहमति बनी है. 

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