Hanumangarh Ethanol Factory: हनुमानगढ़ में बन रही एथेनॉल फैक्टरी के विरोध में किसान लगातार विरोध कर रहे थे. करीब एक साल से रहा विरोध 10 दिसंबर को उग्र हो गया था. किसानों ने जहां फैक्टरी की दीवार को तोड़ दिया, वहीं किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. दूसरी ओर किसानों के समर्थन में कई राजनेता भी शामिल हुए. जिसके बाद इसे राजनीतिक रंग देने का आरोप लगने लगा. दो दिनों तक टिब्बी के राठीखेड़ा जंग का मैदान बना रहा. जिसमें दर्जनों किसान घायल हुए. इस बीच शुक्रवार (12 दिसंबर) को किसान प्रतिनिधि मंडल और बीजेपी नेता और प्रशासन के बीच वार्ता हुई जो सफल बताई जा रही है.
बंद रहेगा फैक्टरी निर्माण कार्य
बताया जा रहा है कि जिला कलेक्ट्रेट में हुई प्रतिनिधियों की वार्ता सफल रही. जिसमें एथेनॉल फैक्टरी के निर्माण कार्य को बंद करने का फैसला लिया गया. इसमें कहा गया है कि रिव्यू होने तक एथेनॉल फैक्टरी का निर्माण कार्य बंद रहेगा. बातचीत में कहा गया कि सभी आशंकाओं को लेकर बिंदू वार विषयों का रिव्यू किया जाएगा. वहीं रिव्यू होने तक फैक्टरी का निर्माण कार्य बंद रहेगा.
100 लोगों पर हुआ था मामला दर्ज
बता दें, राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक निजी कंपनी के प्रस्तावित एथेनॉल कारखाने को लेकर किसानों के विरोध के कारण बुधवार (10 दिसंबर) से तनाव बना हुआ था. पुलिस ने बुधवार के विरोध प्रदर्शन में शामिल 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और 40 लोगों को हिरासत में लिया गया था. किसानों एवं स्थानीय नेताओं का कहा था कि मांगें पूरी होने तक वे निर्माणाधीन एथेनॉल कारखाने के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे.
वहीं 17 दिसंबर को किसानों महापंचायत का ऐलान किया गया था और आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया गया था. हालांकि अब इस महापंचायत से पहले ही किसान और सरकार के बीच सफल वार्ता हो गई है. हालांकि देखना यह होगा कि वार्ता में जिन बातों पर सहमति बनी है उस पर अमल कितना जल्द किया जाता है.
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