Which is the healthiest roti?: सब्जी के साथ खाई जाने वाली रोटी पतली और गोल होती है और बहुत फायदेमंद भी होती है. यह जिस भी सब्जी के साथ खाई जाती है, उसका स्वाद दोगुना कर देती है. और हर तरह की रोटी के अलग-अलग फायदे होते हैं, चाहे वह गेहूं की हो, ज्वार की हो या बाजरे की. लेकिन अक्सर देखा जाता है कि लोग हमेशा यह जानना चाहते हैं कि किस रोटी में कितनी ताकत है और कौन सी रोटी आपके शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
किस रोटी में कितनी ताकत
रोटियां कई तरह की होती हैं जैसे गेहूं, बाजरा, ज्वार और रागी की रोटियां. हम इन रोटियों को अपनी थाली का हिस्सा बनाते हैं और रोजाना इनके स्वाद का आनंद लेते हैं. तो आइए जानते हैं कि इनमें से कौन सी रोटी आपके शरीर के लिए फायदेमंद है और कौन सी आपके डाइट प्लान को फेल कर रही है.
रात को गेहूं की रोटी पचती है कम
उत्तर भारत के ज़्यादातर हिस्सों में गेहू की रोटी खाई जाती है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं. हालांकि, गेहूं की रोटी का ज़्यादा सेवन वजन बढ़ाता है. साथ ही, कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा के कारण, मधुमेह और थायराइड के रोगियों को गेहूं के आटे को अन्य आटों के साथ मिलाकर खाने की सलाह दी जाती है.गेहूं की रोटी सुबह और दोपहर में खाई जा सकती है, लेकिन रात में इसे खाने से बचें, क्योंकि इसे पचने में ज़्यादा मेहनत लगती है.
बाजरे की रोटी स्वाद और सेहत दोनों पर उतरती है खरी
बाजरे की रोटी भी स्वाद और सेहत दोनों के मापदंड पर खरी उतरती है. बाजरे की रोटी में भरपूर आयरन होता है, जो खून की कमी नहीं होने देता.बाजरा शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है, हालांकि गर्मियों में बाजरे की रोटी का सेवन कम करना चाहिए. सर्दियों में इसका सेवन दोपहर के वक्त ही करना अच्छा होता है, क्योंकि बाजरा भारी होता है.
कम कैलोरी की साथी है ज्वार की रोटी
ज्वार की रोटी बहुत कम जगहों पर खाई जाती है. मुख्यत: कर्नाटक, मध्य प्रदेश, और राजस्थान में ज्वार की रोटी खाई जाती है. ज्वार में ग्लूटेन नहीं होता है, जिसकी वजह से ये और पौष्टिक बन जाती है. इसमें कम कैलोरी भी होती है, जिसकी वजह से बढ़ता वजन भी नियंत्रित रहता है. शुगर के मरीजों के लिए ज्वार की रोटी फायदेमंद होती है. इसे दोपहर या रात को आहार में शामिल कर सकते हैं.
हड्डियों को मजबूती देती है रागी की रोटी
रागी की रोटी को पित्त को संतुलित करने वाला माना जाता है. अगर शरीर में पित्त दोष की वृद्धि है, इसके लिए रागी की रोटी खाई जा सकती है. रागी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, ये पचने में भी आसान होती है. रागी की रोटी खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद मिलती है. इसका सेवन सुबह नाश्ते और दोपहर के खाने में करना चाहिए.
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