सास की मौत के 10 साल बाद पुत्रवधू को मिली अनुकंपा पर नौकरी, हाईकोर्ट ने दिया फैसला, जानें पूरा मामला

राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. हाईकोर्ट ने मृतिका की पुत्रवधु को तीन माह के भीतर नौकरी देने का आदेश दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 12 mins
राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर (फाइल फोटो)
जोधपुर:

Rajasthan High Court: राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल ही में जोधपुर में सास की मौत के बाद उसकी पुत्रवधू को तीन महीने के अंदर विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति देने का आदेश दिया है. बता दें कि सास की मौत को करीब 10 साल हो चुके हैं.  माननीय उच्च न्यायलय ने पुत्रवधु को सरकारी नौकरी देने का रास्ता साफ का दिया है.

न्यायाधीश ने अपने आदेश में पुत्र वधु दुर्गा देवी को अनुकम्पा आधार पर नियुक्ति के योग्य माना है. न्यायालय ने दुर्गा देवी को परिवार की आवश्यक सदस्य के रूप में स्वीकार कर मृतिका सास गवरी देवी के स्थान पर पुत्र वधु दुर्गा देवी को तीन माह में नियुक्ति देने को कहा है.

अनुकम्पा नियुक्ति नियम 1996

बता दें कि एडवोकेट रामदेव पोटलिया ने दुर्गा देवी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. किसी राजकीय कर्मचारी की मत्यु के बाद अनुकम्पा आधार पर नियुक्ति के मामले में मृतक कर्मचारी के आश्रित व अनुकम्पा नियुक्ति नियम 1996 के अनुसार पुत्रवधु को योग्य नहीं मानने के बाद इस मामलेे में हाईकोर्ट का यह फैसला महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है.

दुर्गा देवी को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर न्याय मिल सका है. डबल बैंच में शामिल हाईकोर्ट के न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी और न्यायाधीश राजेंद्र प्रकाश सोनी ने अपने फैसले में कहा कि तीन माह में अपीलार्थी दुर्गा देवी मईड़ा को नियुक्ति प्रदान की जाए.

जानिए क्या है मामला

एडवोकेट पोटलिया ने बताया कि बांसवाड़ा निवासी गवरी देवी पीएचईडी में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत थी. उसके पुत्र शंकर व बसन्त की मृत्यु गवरी देवी से पहले वर्ष 2006 व 2007 में हो गई थी. गवरी देवी की पुत्री शादी होने पर अपने पति के साथ ससुराल में रहकर जीवन यापन कर रही थी. गवरी देवी की नौकरी के दौरान वर्ष 2013 में मत्यु हो गई थी. उसकी दूसरी विधवा पुत्रवधू व विवाहित पुत्री ने दुर्गादेवी मईड़ा को मृतका के स्थान पर अनुकम्पा नियुक्ति देने के लिए अपनी सहमति दी.

Advertisement

डबल बैंच ने सुलझाया मामला 

वर्ष 2013 व 2014 में पीएचईडी विभाग के सक्षम अधिकारियों ने दुर्गा देवी मईड़ा के आवेदन को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि पुत्रवधू मृतक कर्मचारी के आश्रित की श्रेणी में नहीं होने से अनुकम्पा नियुक्ति की हकदार नहीं है. इसके बाद जोधपुर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने भी दुर्गादेवी की याचिका खारिज कर दी थी. मगर डबल बैंच के समक्ष इस अपील की सुनवाई होने पर दुर्गादेवी को नौकरी देने का आदेश दिया गया है.

इसे भी पढ़े: आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट से झटका, फिर खारिज हुई जमानत याचिका

इसे भी पढ़े: Rajasthan Dy CM: राजस्थान में उपमुख्यमंत्री की शपथ वैध या अवैध? आज हाई कोर्ट में होगी सुनवाई

Advertisement