HMPV Virus: हाल ही में चीन में HMPV वायरस से ग्रसित लोगों के बीमार होने की खबर सामने आई है. चीन में भारी तादाद में लोग इस वायरस से ग्रसित है. वहीं अब यह दूसरे देशों में भी पैर पसार रहा है. भारत में भी HMPV के कई मामले सामने आ चुके हैं. जहां बेंगलुरु में दो मरीजों की पुष्टि हुई है. वहीं एक मामला राजस्थान के डूंगरपुर में भी आया है. जिसमें 2 महीने का एक बच्चा इस वायरस से ग्रसित है. अब इस खबर के सामने आने के बाद राजस्थान में HMPV वायरस को लेकर हड़कंप मच गया है. लेकिन दूसरी ओर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा है कि HMPV वायरस सामान्य बीमारी है. और इससे अब तक किसी की मौत नहीं हुई है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.
2001 से मौजूद है HMPV वायरस
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा है कि देश में कुछ राज्यों में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) के कुछ केस सामने आए हैं, लेकिन इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. खींवसर ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस वर्ष 2001 से मौजूद है, लेकिन रोगियों पर इसका प्रभाव सामान्य रहा है. इस वायरस से मौत का कोई मामला और चिंताजनक स्थिति सामने नहीं आई है.
खींवसर ने कहा है कि प्रतिवर्ष की भांति सर्दी के मौसम को देखते हुए बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्ति सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि होने पर अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श लें. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को इस वायरस के संबंध में सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें भी रपष्ट किया गया है कि यह वायरस घातक नहीं है. खांसी-जुकाम जैसे सामान्य लक्षणों के साथ सर्दी के मौसम में आमतौर पर कुछ केस इस वायरस के सामने आते रहे हैं, कुछ माह में मार्च से दिसम्बर तक देशभर में 9 केस चिन्हित हुए हैं.
सतर्क रहने के दिए निर्देश
चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार के अनुसार एचएमपी वायरस का प्रसार वर्तमान में नगण्य है, लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर प्रदेशभर में चिकित्सा अधिकारियों को सजग एवं सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, जांच, उपचार सहित अन्य आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने को भी कहा गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में इस वायरस की प्रमाणिक जांच के लिए 5 वीआरडीएल लैब एम्स जोधपुर, सवाई मानसिंह . अस्पताल जयपुर, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर एवं एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में उपलब्ध हैं. किसी भी अस्पताल में इस वायरस के लक्षणों से संबंधित गंभीर रोगी सामने आने पर इन लैब में जांच करवाई जा सकती है.
खींवसर ने कहा है कि कोई भी निजी अस्पताल किसी रोगी में इस वायरस के संभावित लक्षण पाए जाने पर प्रमाणिक जांच के लिए सैम्पल इन वीआरडीएल लैब में ही भिजवाएं. साथ ही, इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को भी सूचित करें.
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