SI Paper leak case: ऐसे पकड़ में आए ये 5 टॉपर, और भी हैं SOG के रडार पर

SI Paper leak case: राजस्थान में 2021 में हुई SI पुलिस भर्ती परीक्षा में अब तक 70 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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SI Paper leak case 2021: राजस्थान में वर्ष 2021 में हुई सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में हुई कथित धांधली का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. राजस्थान पुलिस का विशेष दस्ता स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप्स (एसओजी) इस परीक्षा में गड़बड़ी की जांच कर रहा है. जांच के बाद कई प्रशिक्षु एसआई को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से कई ने इस परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की थी.

इनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य रामू राम राईका का बेटा और बेटी भी शामिल हैं. एसओजी ने रामू राम राईका को भी गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किए गए सभी अभियुक्तों को 7 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

5 टॉपर्स पर कैसे हुआ SOG को शक

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप्स (एसओजी) के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि यह जांच कैसे आगे बढ़ी. एसओजी ने इसके लिए एक स्पेशल सेल बनाई हुई है. इसका काम संदिग्ध लोगों की छंटनी करना और उनके बारे में जानकारियां इकट्ठा करना है. इसी सेल ने जांच के दौरान देखा कि इस परीक्षा में कामयाब होने वाले कई परीक्षार्थी ऐसे थे जिनका पढ़ाई का पिछला रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं था.

(फ़ाइल तस्वीर)

इसके बाद एसओजी ने फैसला किया कि इन संदिग्ध परीक्षार्थियों का दोबारा टेस्ट लिया जाए. उनसे ठीक वही सवाल पूछे गए जो असल परीक्षा में पूछे गए थे. यह परीक्षा 13,14 और 15 सितंबर 2021 को हुई थी और तीनों दिन तीन तरह के प्रश्नपत्र दिए गए थे. एसओजी ने जब दोबारा परीक्षा ली तो जिस तारीख को जिस परीक्षार्थी ने परीक्षा दी थी, उससे उसी दिन वाले पेपर दिए गए.

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यह परीक्षा आसान नहीं थी और इसमें बड़े कठिन प्रश्न पूछे गए थे. राजस्थान प्रशासनिक सेवा की लंबे समय से तैयारी करने वालों के लिए भी इस परीक्षा में 300 नंबर लाना मुश्किल था.

मगर जिन 5 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से सभी ने इससे ज्यादा नंबर पाए थे. रामू राम राईका की बेटी शोभा राईका को 377 और बेटे देवेश राईका को 359 नंबर मिले थे.शोभा का रैंक 5वां और देवेश का रैंक 40वां था. मंजू देवी के 371, अविनाश पलसानिया के 349 और बिजेंद्र कुमार के 347 नंबर आए थे.

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"परीक्षा में राईका जी के बेटे और बेटी के नंबर बहुत खराब थे. अगर उन्हें निगेटिव मार्किंग दी जाती तो उनके ज़ीरो नंबर आते.बेटे के पेपर तो थोड़े ठीक भी थे, मगर बिटिया की हालत बहुत खराब थी." - एडीजी वीके सिंह

दोबारा टेस्ट में सब हो गया साफ

संदिग्ध सफल परीक्षार्थियों का दोबारा टेस्ट लेते ही सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. जिन लोगों ने परीक्षा में ऊंचे नंबर पाए थे, उनसे दोबारा जब वही सवाल पूछे गए तो वह साधारण सवालों के भी जवाब नहीं दे सके.

एडीजी वीके सिंह ने कहा, "परीक्षा में राईका जी के बेटे और बेटी के नंबर बहुत खराब थे. अगर उन्हें निगेटिव मार्किंग दी जाती तो उनके ज़ीरो नंबर आते.बेटे के पेपर तो थोड़े ठीक भी थे, मगर बिटिया की हालत बहुत खराब थी." 

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"पढ़ाई की कुछ बेसिक चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें कोई भूल नहीं सकता है, जैसे बेसिक गणित कोई भूल नहीं सकता है, बेसिक व्याकरण भी कोई भूलता नहीं है. जीके की चीजें बेशक कोई भूल सकता है."

मीडिया में आ रही खबरों में बताया जा रहा है कि अभी इस मामले में 20 और ट्रेनी एसआई निशाने पर हैं जिनकी ट्रेनिंग अगले महीने पूरी हो जाएगी. इनके अलावा भी और लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. पुलिस के अनुसार अभी तक इस मामले में 70 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें 38 ट्रेनी एसआई हैं.

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