Rajasthan News: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने सोमवार शाम राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) भेजते हुए फोन टैप (Phone Tapping) कराने का आरोप लगाने पर 3 दिन में जवाब मांगा है. इस पर अब किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. कैबिनेट मंत्री का कहना है, 'मुझे कारण बताओ नोटिस के बारे में जानकारी नहीं है. मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं. नोटिस प्राप्त होते ही तय समय अवधि में पार्टी नेतृत्व को जवाब भेज दूंगा.'
'संघर्ष करें किरोड़ी लाल, राज करेगा भजनलाल'
फोन टैपिंग मामले में किरोड़ी लाल मीणा को दिए गए नोटिस पर कांग्रेस के नेता भी भजनलाल सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बयान जारी करते हुए कहा, 'ये किरोड़ी लाल मीणा को निपटाने की तैयारी है. संघर्ष करें किरोड़ी लाल, राज करेगा भजनलाल. किरोड़ी लाल मीणा ने भ्रष्टाचार के मामले उठाए तो सरकार उनके ही खिलाफ हो गई. किरोड़ी लाल मीणा ने बजरी खनन के भ्रष्टाचार को उजागर किया. उनके फोन टैप करवाए जा रहे हैं. जब पार्टी के अंदर ही मंत्री की बात नहीं सुनी जा रही, तो क्या हालात होंगे? यह सरकार गरीबों पिछड़ों और दलित आदिवासियों की विरोधी है.'
'सीएम का बयान आने तक सदन नहीं चलने देंगे'
वहीं, राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स पर लिखा, '7 फरवरी को गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने विधानसभा के बाहर मीडिया को बयान दिया था कि उन्होंने किरोड़ी का ऐसा कोई बयान ही नहीं सुना. आज नोटिस में मदन राठौड़ कहते हैं कि किरोड़ी जी का बयान असत्य है. अगर बयान असत्य था तो 7 फरवरी को मुख्यमंत्री ने सदन के पटल पर यह क्यों नहीं कहा कि किरोड़ी मीणा के आरोप असत्य हैं? इसका मतलब है कि दाल में कुछ काला है. मुख्यमंत्री जब तक इस विषय में सदन के पटल पर बयान नहीं देंगे, हम सदन नहीं चलने देंगे. बजरी घोटाले के आरोपों के बाद से ही भाजपा किरोड़ी मीणा के पीछे पड़ी हुई है. इसलिए ही उनका फोन टैप करवाया जा रहा है, जिससे सरकार पता कर सके कि उन तक कौन राज पहुंचा रहा है.'
'किरोड़ी के इस्तीफे पर जवाब अब भी पेंडिंग है'
बताते चलें कि लोकसभा चुनाव में राजस्थान में पार्टी के अपेक्षाकृत निराशाजनक प्रदर्शन के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने जयपुर में पिछले साल 4 जुलाई को एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मीडिया को अपने इस्तीफे की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि उन्होंने पिछले साल जून में ही मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया. हालांकि, मीणा मंत्री के तौर पर विभागीय फाइलों का काम करते रहे, लेकिन वह मंत्रिमंडल की बैठकों में शामिल नहीं हुए. उनके इस्तीफे को लेकर भाजपा ने हमेशा यही कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और सरकार में मंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं.
मंत्री ने 6 फरवरी को एक जनसभा में लगाए थे आरोप
मीणा ने हाल में एक जनसभा के दौरान सरकार पर फोन टैप करने का आरोप लगाया था, जिसे विपक्ष ने विधानसभा में उठाया था. विपक्षी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की थी. वायरल वीडियो में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था, 'मैं आशा करता था कि जब राज बदलेगा तो भ्रष्टाचार करने वालों पर नकेल कसेंगे. मुंह का खाया हुआ नाक से निकालेंगे. लेकिन मैं निराश हूं. जो आंदोलन पिछले राज में मैंने किए, जिनके कारण हम सत्ता में आए, उन मुद्दों पर काम नहीं हो रहा. उन्हें भुला दिया गया है. मैंने भ्रष्टाचार के कुछ मामले बीच में उठाए थे. 50 फर्जी थानेदारों को गिरफ्तार किया गया. मैंने जब कहा कि ये परीक्षा रद्द करो, तो सरकार ने मेरी बात नहीं मानी. उल्टा सरकार की तरफ से जैसा पिछले राज में हुआ करता था. वैसा ही हो रहा है. चप्पे-चप्पे पर मेरे लिए सीआईडी लगाई जा रही है और मेरा टेलीफोन भी रिकॉर्ड किया जा रहा है.'
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