Barmer News: राजस्थान के बाड़मेर जिले को मिले 2 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों ने जोर पकड़ लिया है. इससे जिले की डीएम टीना डाबी ( Tina Dabi) की काफी आलोचना हो रही है. इस बारे में अब कलेक्टर डाबी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, जिसमें उन्होंने इन पोस्ट को अफवाह और गुमराह करने वाला बताया है. उन्होंने साफ किया कि अवॉर्ड पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया के तहत दिया गया था.
भारत सरकार ने पूरी जांच कर दिया था सम्मान
दरअसल, यह अवॉर्ड नवंबर 2025 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'जल संचय जन भागीदारी अभियान' के तहत बाड़मेर जिले को नेशनल लेवल पर दिया था. यह अवॉर्ड पिछले कुछ सालों में मंजूर किए गए पानी बचाने (Water Conservation) के कामों के आधार पर दिया गया है. ये काम सितंबर 2024 से मार्च 2025 तक पूरे किए गए थे, जिनकी भारत सरकार ने पूरी जांच की थी. इसके बाद ही बाड़मेर को इस अवॉर्ड के लिए सम्मानित किया.
दुर्भाग्यवश, बाड़मेर जिले को प्रदत्त पुरस्कार पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कुछ पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही है। ये पोस्ट भ्रामक एवं फर्जी प्रतीत होती हैं, जिनका उद्देश्य जनमानस को गुमराह करना व् जिला प्रशासन की छवि को धूमिल करना है @PMOIndia @DoWRRDGR_MoJS @DIPRRajasthan pic.twitter.com/KmxWjfo5El
— Barmer District Collector & Magistrate (@BarmerDm) December 30, 2025
वायरल हो रही फोटो पर दिया स्पष्टीकरण
कलेक्टर टीना डाबी ने उन फोटो के बारे में भी जानकारी दी, जिनसे DM के काम पर सवाल उठे थे. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यही फोटो 'कैच द रेन' पोर्टल से जुड़ी है, जिसका जल संचय जन भागीदारी (JSJB) पोर्टल से कोई कनेक्शन नहीं है. जो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है वह 'कैच द रेन' पोर्टल की हैं.
JSJB अवॉर्ड पूरी तरह से अलग क्राइटेरिया पर होता है आधारित
मामले पर और जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि JSJB अवॉर्ड पूरी तरह से अलग क्राइटेरिया पर आधारित है. जो पंचायत समितियां 'कैच द रेन' पोर्टल पर बेवजह एक ही फोटो अपलोड कर रही थीं, उनकी पहचान कर ली गई है. इसे ठीक करने के लिए इलाकों के डेवलपमेंट ऑफिसर्स को सख्त निर्देश दिए गए हैं.
कलेक्टर टीना डाबी की अपील
इस अवॉर्ड को लेकर DM टीना डाबी की ट्रोलिंग काफी हुई है. जिसे लेकर उन्होंने अपील की है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाहें जिला प्रशासन की इमेज खराब करती हैं, क्योंकि यह अचीवमेंट जनता की भागीदारी और पूरे जिले की कड़ी मेहनत का नतीजा है. इसलिए वे ऐसे गुमराह करने वाले दावों पर ध्यान न दें और पानी बचाने के काम में सहयोग करते रहें. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त जिला कलेक्टर, जिला परिषद सीईओ और जल संरक्षण अधीक्षण अभियंता भी मौजूद रहे.
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