NDTV की खबर का असर: गंदे पानी की समस्या पर NGT ने लिया एक्शन, डीडवाना कलेक्टर को भेजा नोटिस

एनजीटी ने डीडवाना में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण के लिए कमेटी का गठन किया है. एनजीटी की ओर से गठित कमेटी में जिला कलक्टर डीडवाना के प्रतिनिधि, केन्द्रीय भूजल बोर्ड के प्रतिनिधि, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि बतौर सदस्य होंगे.

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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जहां आस-पास गंदगी फैली हुई है

Rajasthan News: डीडवाना में NDTV की खबर का बड़ा असर हुआ है. डीडवाना में सीवरेज सिस्टम के बार-बार फेल होने और एसटीपी से निकलने वाले परिशोधित पानी के भराव और प्राकृतिक जलाशयों को पहुंच रहे नुकसान को लेकर NDTV ने 10 सितंबर को ग्राउंड रिपोर्ट दिखाई थी. जिसके बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दायर की गई याचिका पर एनजीटी ने कड़ा एक्शन लिया है. एनजीटी ने डीडवाना जिला कलक्टर, राजस्थान राज्य प्रदूषण बोर्ड, तहसीलदार और नगर परिषद को नोटिस जारी कर जवाब तलब किए हैं. साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण के लिए एनजीटी ने कमेटी का भी गठन किया है.

इस पूरे मामले में राजस्थान हाइकोर्ट के अधिवक्ता सरवर खान ने डीडवाना शहर के लोगों को सीवरेज से पैदा हो रही परेशानियों से निजात दिलाने के लिए एनजीटी की सेंट्रल जॉन भोपाल बेंच में जनहित याचिका दायर की है. इस पर एनजीटी के न्यायमूर्ति शिव कुमार सिंह ने प्रारंभिक सुनवाई में कड़ा संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किए. जिसके तहत एनजीटी ने डीडवाना जिला कलक्टर, तहसीलदार, नगर परिषद् के आयुक्त और राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर याचिका में उठाए गए मुद्दों पर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

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निरीक्षण के लिए कमेटी का गठन

एनजीटी ने डीडवाना में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण के लिए कमेटी का गठन किया है. एनजीटी की ओर से गठित कमेटी में जिला कलक्टर डीडवाना के प्रतिनिधि, केन्द्रीय भूजल बोर्ड के प्रतिनिधि, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि बतौर सदस्य होंगे. यह कमेटी सीवरेज प्लांट का व्यक्तिगत तौर पर निरीक्षण करेगी और तथ्यों की जांच करेगी. इसके बाद तथ्यात्मक रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करेगी. राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की नोडल एजेंसी होगी.

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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, डीडवाना

70 करोड़ का बजट, परिणाम जीरो 

डीडवाना में 70 करोड़ रुपए की सीवरेज परियोजना के बाद भी डीडवाना शहर में गंदे पानी की समस्या बनी हुई है. नगर परिषद ने जल्दबाजी में सीवरेज लाइन तो शुरू करवा दी, लेकिन एसटीपी से निकलने वाले परिशोधित पानी का निस्तारण नहीं किया, जिससे डीडवाना शहर में गंदे पानी की समस्या आज भी बनी हुई है. इस समस्या से निपटने के लिए नगर परिषद ने कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन ये योजनाएं आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं. इसके अलावा, नगर परिषद ने सीवरेज के दूसरे फेज को भी मंजूरी दे दी है, जबकि, पहले फेज में आने वाले सीवेज पानी का ही कोई निपटारा नहीं हो सका है.

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सीवरेज परियोजना ने डीडवाना शहर में गंदे पानी की समस्या को और भी बढ़ा दिया है. अब डीडवाना शहर के चारों ओर गंदे पानी की झीलें बन गई हैं. डीडवाना का ऐतिहासिक मेला मैदान सीवरेज के गंदे पानी से पूरा भर चुका है. वहीं प्राचीन सिंघी तालाब और नमक झील भी सीवरेज के गंदे पानी से दूषित हो चुकी है.

इसके अलावा शहर की गलियों में भी सीवरेज का गंदा पानी बह रहा है. शहर के कई वार्ड और इलाकों के लोग गंदगी व कीचड़ के बीच नरकीय जीवन जीने को मजबूर है.

NGT से सकारात्मक आदेश मिलने की उम्मीद

इस मामले में याचिका दायर करने वाले वकील सरवर खान का कहना है कि शहर को गंदगी से मुक्त करने की जिम्मेदारी नगर परिषद की है. नगर परिषद् अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता. डीडवाना शहर के जो हालात हैं, वह नगर परिषद् की लापरवाही को दर्शाता है. जिसके कारण बारिश में कभी भी भयानक स्थिति हो सकती है. एनजीटी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कमेटी को चार सप्ताह में रिर्पोट पेश करने को कहा है. लोकहित में हमें जल्द ही सकारात्मक आदेश मिलने की उम्मीद है.

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