कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज जयपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. सबसे पहले राहुल गांधी ने भाषण देते हुए भारतीय जनता पार्टी को महिला आरक्षण के मुद्दे पर घेरा. उन्होंने कहा, 'पहले महिला आरक्षण की बात नहीं थी. पहले हिंदुस्तान के नाम को बदलने की बात थी. लेकिन उन्हें पता लग गया कि जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी. वे घबरा गए क्योंकि विशेष सत्र की घोषणा पहले ही हो चुकी थी. इसलिए वे महिला आरक्षण बिल लेकर आए.'
'आज ही लागू हो महिला आरक्षण कानून'
राहुल गांधी ने आगे कहा, 'महिला आरक्षण का हमने पूरा समर्थन किया है. भाजपा कह रही है कि महिला आरक्षण लागू करने से पहले नई जनगणना और परिसीमन की जरूरत है. लेकिन यह सच नहीं है. विधानसभा और लोकसभा की 33% सीटें महिलाओं को आज दी जा सकती हैं, लेकिन भाजपा महिला आरक्षण को 10 साल में लागू करना चाहती है. हम चाहते हैं कि इसे लागू किया जाए और ओबीसी महिलाओं को इसका लाभ मिले.'
#WATCH पहले महिला आरक्षण की बात नहीं थी...पहले हिंदुस्तान के नाम को बदलने की बात थी...लेकिन उन्हें पता लग गया कि जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी...वे घबरा गए क्योंकि विशेष सत्र की घोषणा पहले ही हो चुकी थी। इसलिए वे महिला आरक्षण बिल लेकर आए। महिला आरक्षण का हमने पूरा समर्थन किया… pic.twitter.com/4fXGPpsOVg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 23, 2023
'ओबीसी महिला आरक्षण का जिक्र क्यों नहीं?'
प्रदेशभर से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आगे कहा, 'राजीव गांधी पंचायतीराज में महिला आरक्षण लाए थे, कांग्रेस और सभी पार्टियों ने महिला आरक्षण का समर्थन किया है, लेकिन महिला आरक्षण बिल को लेकर हमारे दो तीन सवाल है. इसमें ओबीसी महिला आरक्षण का जिक्र क्यों नहीं है? आज हिंदुस्तान की सरकार को सांसद नहीं 90 लोग चलाते हैं, हिंदुस्तान किस और जाएगा ये 90 लोग तय कर रहे हैं, देश की सारी योजनाओं पर 90 लोग ही फैसला करते हैं, इन 90 लोगों में से 3 ही ओबीसी वर्ग से क्यों हैं?
'कास्ट सेंसस एक तरह से X Ray है'
राहुल गांधी ने कहा, 'ओबीसी की देश में कितनी आबादी है, ये कास्ट सेंसस से पता चल जाएगा. कास्ट सेंसस एक तरह से X Ray है. ओबीसी को भागीदारी बिना कास्ट सेंसस के नहीं दी जा सकती. जब पीएम ओबीसी की बात करते हैं फिर कास्ट सेंसस से क्यों डरते हैं. कांग्रेस पार्टी की सरकार ने कास्ट सेंसस किया था, उनके आंकड़े जनता के सामने रख दिए जाएं. लेकिन मोदी जी कास्ट सेंसस की बात नही कर सकते हैं. लेकिन आज हिंदुस्तान की सरकार को सांसद नहीं 90 लोग चलाते हैं. हिंदुस्तान किस और जाएगा ये 90 लोग तय कर रहे हैं. देश की सारी योजनाओं पर 90 लोग ही फैसला करते हैं. कैबिनेट सचिवों के हाथ में पूरे पावर्स हैं. इन 90 लोगों में से 3 ही ओबीसी वर्ग से क्यों हैं?'