
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सोमवार (5 मई) को ‘राइजिंग राजस्थान' ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के दौरान हस्ताक्षरित 100 करोड़ रुपये से 1,000 करोड़ रुपये तक के निवेश प्रस्तावों की स्थिति की समीक्षा के लिए पाक्षिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में निवेश प्रस्तावों के भूमि पूजन और उन्हें क्रियान्वयन के स्तर पर लाने की सरहना की गई. पंत ने इस प्रगति में विभिन्न विभागों की सक्रिय भूमिका की सराहना करते हुए कहा, प्रभावी निगरानी तंत्र और विभागों के बीच सुचारु समन्वय ने निवेश प्रतिबद्धताओं को ज़मीनी स्तर पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
भूमि आवंटन केवल वास्तविक परियोजना आवश्यकताओं के आधार पर हो
सुधांश पंत ने औद्योगिक परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता के महत्व पर जोर देते हुए निर्देश दिया कि भूमि आवंटन केवल वास्तविक परियोजना आवश्यकताओं और नियमों के आधार पर ही किया जाए. उन्होंने कहा कि भूमि एक अमूल्य संसाधन है और इसका आवंटन विवेकपूर्ण और आधिकारिक तौर पर होना चाहिए. रीको द्वारा भूमि आवंटन का दूसरा चरण इस माह शुरू होने जा रहा है. 15 मार्च से 30 अप्रैल 2025 के बीच राजस्थान सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाले निवेशक 15 मई 2025 से प्रारंभ हो रहे डायरेक्ट लैंड अलॉटमेंट पॉलिसी (फेज़ II) के तहत भूमि के लिए आवेदन कर सकेंगे.
परियोजनाओं की शुरुआत में कोई देरी न हो
मुख्य सचिव पंत ने सभी विभागीय सचिवों को साप्ताहिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने, गंभीर निवेशकों को प्राथमिकता देने और उनकी समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि परियोजनाओं को शीघ्रता से लागू किया जा सके. उन्होंने कहा, हमें निवेशकों के साथ समन्वय को और मजबूत करना होगा ताकि प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सके और परियोजनाओं की शुरुआत में कोई देरी न हो.
बता दें, 'राइजिंग राजस्थान' ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट, जो 9 से 11 दिसंबर 2024 तक आयोजित हुआ, में रिकॉर्ड 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जो राज्य में औद्योगिक परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है.
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