Dungarpur Banswara News: गरीबी और विकास की कमी की वजह से दक्षिण राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों में नवजात शिशुओं और बच्चों को बेचने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. आदिवासी बाहुल्य दक्षिणी राजस्थान में इस तरह के कई मामले सामने आये हैं. सोमवार को डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने यह मुद्दा लोकसभा में उठाया है. रोत राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे.
इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी हैं, लेकिन आज देश में आदिवासियों की हालत बहुत खराब है, वर्तमान में देखा गया है कि पूरे देश के अंदर अगर सबसे ज्यादा अगर कोई पीड़ित है, किसी पर अत्याचार हो रहा है, तो वो आदिवासी समुदाय है और उनकी महिलाएं हैं. आज मणिपुर का उदाहरण देख लें.
''आदिवासी अपनी बहन-बेटियां को गिरवी रख रहे हैं''
रोत ने कहा कि आज आदिवासी समुदाय की हालत इतनी खराब है कि उन्हें अपने बच्चों को गिरवी रखना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ''आज से बीस पहले आदिवासी गरीब दलित व्यक्ति अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए, अपने बच्चों की बीमारी का इलाज के लिए जमीन और जेवरात गिरवी रखता था, लेकिन आज देखा गया है कि यह समुदाय अपनी बहन-बेटियां और अपने छोटे बच्चों को गिरवी रख रहा है.
''आज हमारे यहां (राजस्थान) डबल इंजन की सरकार है, लेकिन राजस्थान के अंदर आए दिन ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं. ''
पुलिस ने किया था खुलासा
न्यूज़ वेबसाइट फ्री प्रेस जर्नल के मुताबिक़ जनवरी 2023 में उदयपुर की सवीना पुलिस ने ऐसे ही एक मामले का भंडाफोड़ किया था, जब एक महिला को सात महीने के बच्चे के साथ गिरफ्तार किया गया था. महिला की पहचान उदयपुर के एक गांव की रहने वाली राजकुमारी के रूप में हुई. पुलिस ने खुलासा किया था कि राजकुमारी एक आईवीएफ सेंटर में काम करती थी और उसने झाड़ोल ब्लॉक के एक दंपत्ति से महज 70 हजार रुपये में बच्चा खरीदा था. उसने कबूल किया कि वह बच्चे को दिल्ली में एक व्यक्ति को 2 लाख रुपये में बेचने की योजना बना रही थी.
विधानसभा में भी उठ चुका है मुद्दा
पिछले साल जुलाई में डूंगरपुर से कांग्रेस के विधायक गणेश घोघरा ने यह मुद्दा राजस्थान की विधानसभा में उठाया था. उन्होंने कहा था कि "माएं को अपने बच्चे बेचने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है?'' इस पर सरकार ने यह माना था कि आदिवासी इलाकों में बच्चों को बेचा जा रहा है. सरकार ने विधानसभा में यह माना था कि 2023 से 2024 तक ऐसे सात मामले सामने आये हैं.
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