Rajasthan News: राजस्थान की जनता के लिख खुशखबरी है. अब वे पहले की तरह कभी भी पंट्रोल पंप पर जाकर पेट्रोल-डीजल भरवा सकेंगे. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन जयपुर के आह्वान पर सोमवार से होने वाली पंप संचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को टाल दिया गया है. एसोसिएशन के पदाधिकारी 3 अक्टूबर को बैठक दोबारा बैठक कर आगे की रणनीति के बारे में चर्चा करेंगे, जिसके बाद कोई निर्णय लिया जा सकता है.
देर रात जारी हुई सूचना
रविवार को पूरे राजस्थान में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सांकेतिक हड़ताल करते हुए पंप संचालकों ने पेट्रोल-डीजल की सप्लाई बंद कर दी थी. एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो 2 अक्टूबर से राजस्थान के सभी पेट्रोल-पंप संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इस दौरान कोई भी पंप संचालक न तो पेट्रोल-डीजल खरीदेगा, और न ही उसे आगे किसी को बेचेगा. हालांकि सांकेतिक हड़ताल का कुछ खास असर देखने को नहीं मिला था. कई जिलों से खबरें आई थीं कि वहां पेट्रोल-डीजल की सप्लाई नहीं रोकी गई है. ऐसे में रविवार देर रात अनिश्चितकालीन एसोसिएशन की तरफ से हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया गया.
राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं पीएम
विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच आचार संहिता लागू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज आठ दिन में दूसरी बार राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान वे मेवाड़ में सांवलियाजी जाएंगे. सबसे पहले वे सांवलिया सेठ मंदिर में जाकर दर्शन करेंगे और फिर लोकार्पण-शिलन्यास के बाद एक जनसभा को संबोधित करेंगे. कल रात दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी हुई थी, जिसमें राजस्थान के उम्मीदवारों के नाम तय होने की बात सामने आई है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी पीएम मोदी के दौरे के बाद राजस्थान में अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है.
सरकार ने मांगा ने 10 दिन का समय
दो हफ्ते पहले भी शनिवार को राजस्थान के सभी पंप संचालकों ने ऐसी ही एक हड़ताल करते हुए रात 8 बजे से रात 10 बजे के लिए पेट्रोल-डीजल की सप्लाई बंद कर दी थी, जिस कारण आम जनता को कई तरह की दिक्कतों को सामना करना पड़ा था. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं था. सितंबर महीने की शुरुआत में भी सभी पेट्रोल पंप संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे, जिसके बाद प्रदेश में हड़कंप जैसी स्थिति देखने को मिली थी. उस वक्त आनन फानन में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठकर करके 3 मांगों पर सहमति जताई थी, और हाईलेवल कमेटी से स्टडी कराने के लिए 10 दिनों की मांग की थी. लेकिन समय पूरा होने पर भी जब कोई जवाब नहीं आया तो हड़ताल वापस शुरू हो गई.
पंप संचालकों की मांगे क्या हैं?
राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट पड़ोसी राज्यों के मुकाबले काफी अधिक है. इस कारण पूरे देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में मिलता है. पंजाब के मुकाबले श्रीगंगानगर में पेट्रोल करीब 14 रुपये प्रति लीटर महंगा है. जबकि डीजल के दामों में भी पंजाब के मुकाबले 10 रुपये प्रति लीटर का अंतर है. ऐसे में आम लोगों के साथ-साथ पंप संचालकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है. मंत्री खाचरियावास ने बातचीत में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करना, पेट्रोल पंप संचालकों का कमीशन बढ़ाया जाना, हनुमानगढ़ और गंगानगर में पेपर डिपो खोला जाना, इन तीन मांगों पर सहमति बनी थी. लेकिन सरकार ने समय पूरा होने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया. ऐसे में राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों ने आज सांकेतिक हड़ताल की है. उनका कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.