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This Article is From Sep 06, 2024

वाघा बॉर्डर की तर्ज पर अब राजस्थान में भी भारत-पाकिस्तान सीमा पर होगी रिट्रीट सेरेमनी, टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

जैसलमेर में भारत-पाक सीमा के तनोट बॉर्डर को विकसित किया जा रहा है , अब यहां वाघा बॉर्डर की तरह ही रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा.

वाघा बॉर्डर की तर्ज पर अब राजस्थान में भी भारत-पाकिस्तान सीमा पर होगी रिट्रीट सेरेमनी, टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
तनोट बॉर्डर पर वाघा बॉर्डर की तरह होगी रिट्रीट सेरेमनी. (फाइल फोटो)  

 Retreat Ceremony Like Wagah Border: घूमने के लिए अमृतसर जाने वाला लगभग हर शख्स एक बाद वाघा बॉर्डर जरूर ही जाता है. वाघा बॉर्डर पर हर रोज शाम में होने वाला रिट्रीट सेरेमनी देखना देशभक्ति के एक अलग की जज्बे को जन्म देता है. हर साल देश-विदेश से लाखों लोग अमृतसर रिट्रीट सेरेमनी देखने पहुंचते हैं. दरअसल 40 मिनट की सेरेमनी में पाकिस्तान रेंजर्स और भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान एक-दूसरे को आकर सलाम करते हैं.

इस दौरान एक तरफ भारतीय सरहद में भारतीय सैनिक भारत माता की जयकार के नारे लगाते है तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी सैनिक अपनी सरहद में अपने देश के नारे लगाकर अपने देश-प्रेम को उजागर करते हैं. अब ऐसा ही कुछ राजस्थान में भी शुरू होने वाला है. दरअसल राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान तनोट बॉर्डर पर वाघा बॉर्डर की ही तरह विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

तनोट माता मंदिर के पास बन रहा कॉम्लेक्स

भारत-पाक सरहद पर बने तनोट माता मंदिर में इसके लिए एक कॉम्प्लेक्स भी बनाया जा रहा है. कॉम्प्लेक्स में BSF की ओर से डॉक्यूमेंट्री, हथियार प्रदर्शनी और फोटो गैलरी लगाई जाएगी. पर्यटन विभाग बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए काफी समय से प्रयास कर रहा है जो अब रंग ला रहे है.

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प्रतिदिन शाम को होगी परेड

पंजाब के अमृतसर में वाघा बॉर्डर की तरह बीएसएफ की रिट्रीट सेरेमनी अगले साल से जैसलमेर के तनोट राय माता मंदिर कॉम्पलेक्स में शुरू होगी. तनोट में एम्फीथियेटर बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है. इसमें 1000 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. यहां प्रतिदिन शाम को परेड होगी, जिसमें बीएसएफ के जवान विधिवत रूप से तिरंगा उतारेंगे. साथ में कैमल शो और अन्य कार्यक्रम होंगे. तनोट पाकिस्तान बॉर्डर से बीस किलोमीटर दूर है. हालांकि वाघा बॉर्डर की तरह यहां सामने पाकिस्तानी रेंजर्स मौजूद नहीं रहेंगे, लेकिन बाकी सेरेमनी वाघा बॉर्डर की तरह ही आयोजित की जाएगी.

रिट्रीट सेरेमनी  के लिए तैयार BSF जवान

रिट्रीट सेरेमनी के लिए तैयार BSF जवान

एक साल में ही तैयार किया जाना है कॉम्पलेक्स

बीएसएफ सेक्टर नॉर्थ के डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार के बॉर्डर टूरिज्म पर्यटन के तहत 2021 में तनोट के पास बबलियान सीमा चौकी को रिट्रीट सेरेमनी के लिए विकसित किया गया था. साथ ही यहां स्टेडियम, वॉच टावर, सेल्फी पॉइंट जैसी कई सुविधाएं 2022 में विकसित कर दी गई थी. रिट्रीट सेरेमनी शुरू करने के प्रोजेक्ट को बबलियान में फिलहाल स्थगित कर दिया गया है, इसके स्थान पर अब जैसलमेर के तनोट को चुना गया है. पिछले साल केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने बॉर्डर टूरिज्म के तहत तनोट कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए 17.67 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया था, जिसे एक साल में ही तैयार किया जाना है.

कॉम्प्लेक्स में अंदर बनाए गए निम्न क्षेत्र

जानकारी के अनुसार बीएसएफ की इंजीनियरिंग विंग ने अब तक 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरा कर दिया है. यह कॉम्प्लेक्स 4.57 एकड़ में बनाया जा रहा है. कॉम्प्लेक्स में अंदर 434 वर्गमीटर में एम्फीथियेटर, 686 वर्गमीटर में इंटरप्रिटेशन सेंटर, 434 वर्ग मीटर का कैफेटेरिया, 183 वर्ग मीटर का वीआईपी ब्लॉक, सोविनियर शॉप, टॉयलेट ब्लॉक विकसित किए जा रहे हैं. एम्फीथियेटर में परेड सहित अन्य समारोह होंगे. वहीं संग्रहालय में हथियारों की गैलेरी, शहीद की दीवार, म्यूरल दीवार, चिल्ड्रन रीक्रिएशन एरिया, इंटरेक्शन एरिया, ऑडियो-विजुअल सिस्टम और स्टेज लाइट होंगे. तनोट कॉम्प्लेक्स का कार्य इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा.

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