Rajasthan News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) में शामिल होने के लिए धौलपुर रवाना हुए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अपनी एक X पोस्ट से राजस्थान की सियासत में खलबली मचा दी है. उन्होंने प्रदेश की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) पर हमला बोलते हुए इंदिरा रसोई संचालकों का अनुदान 3 महीने से न देने का आरोप लगाया है और थालियों की संख्या भी पहले ही तुलना में आधी करने की बात कही है.
'थालियों की संख्या पहले की तुलना में आधी'
गहलोत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ''प्रदेश में 'कोई भूखा ना सोये' की भावना से हमारी सरकार ने पहले शहरी इलाकों में एवं बाद में ग्रामीण कस्बों में 8 रुपये में भोजन उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा रसोई योजना (Indira Rasoi Yojana) शुरू की थी. इस योजना में हमारी सरकार 17 रुपए प्रति थाली अनुदान देती थी, जिससे गरीबों को सस्ता, ताजा एवं पौष्टिक भोजन मिल सके. नई सरकार ने इस योजना का नाम बदल दिया परंतु तमाम रसोई संचालकों ने बताया है कि नई सरकार ने 3 महीने से अनुदान नहीं दिया है एवं थालियों की संख्या भी पहले की तुलना में आधी कर दी है. इससे गरीबों को तकलीफ हो रही है. पब्लिक और मीडिया के माध्यम से आ रहा ऐसा फीडबैक चिंताजनक है. मेरा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से निवेदन है कि गरीबों के हित की इस योजना पर विशेष ध्यान देकर इसे मजबूत किया जाए एवं रसोई संचालकों को उनका अनुदान समय पर दिया जाए.''
प्रदेश में "कोई भूखा ना सोये" की भावना से हमारी सरकार ने पहले शहरी इलाकों में एवं बाद में ग्रामीण कस्बों में 8 रुपये में भोजन उपलब्ध करवाने के लिए इन्दिरा रसोई योजना शुरू की थी। इस योजना में हमारी सरकार 17 रुपए प्रति थाली अनुदान देती थी जिससे गरीबों को सस्ता, ताजा एवं पौष्टिक…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 2, 2024
जनवरी में बदल गया था योजना का नाम
बताते चलें कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार बनने के बाद जरूरतमंदों के लिए चल रही इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना (Shri Annapurna Rasoi Yojana) कर दिया था. सरकार ने बताया था कि इस योजना के तहत मिलने वाली थाली की कुल लागत 30 रुपये है, जिसमें से 22 रुपये सरकार ही ओर से अनुदान होगा. लाभार्थियों को पहले की तरह 8 रुपये में ही थाली मिलेगी. इतना ही नहीं, योजना के लाभार्थियों को परोसी जाने वाली थालियों में मात्रात्मक और गुणात्मक सुधार करते हुए मेन्यू में चपाती, दाल, सब्जी, चावल, मिलेट्स और खिचड़ी आदि के साथ अचार भी शामिल करने का फैसला लिया गया था.
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