
RCB vs PBKS: फलोदी शहर के हेरिटेज मार्केट, जिसे सट्टा बाजार के नाम से बेहतर जाना जाता है, यहां आज जबरदस्त हलचल है. जोधपुर से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित यह शहर बाहर से तो शांत और सुस्त दिखता है, लेकिन यह अपने तीक्ष्ण विश्लेषण, सूझबूझ और अक्सर सटीक भविष्यवाणियों के लिए मशहूर है, फिर चाहे वह चुनाव हों, मानसून का मिजाज़ हो या फिर देश का राष्ट्रीय जुनून 'क्रिकेट'.
आज जब आईपीएल के फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और किंग्स इलेवन पंजाब आमने-सामने हैं, तो फालोदी के इस हेरिटेज मार्केट की भी अपनी एक राय है कि बाज़ार का पलड़ा किस तरफ झुका है. फिलहाल बाज़ार में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर फेवरिट नजर आ रही है, जहां ज़्यादातर लोग अपनी कमाई का दांव बैंगलोर पर लगाने को तैयार हैं. इसके विपरीत, किंग्स इलेवन पंजाब के लिए दांव लगाने वाले कम हैं.
टॉस पर भी है दारोमदार
फालोदी के सट्टेबाज़ों का कहना है कि टॉस के बाद तस्वीर बदल सकती है और यह इस पर निर्भर करेगा कि कौन सी टीम टॉस जीतकर बल्लेबाज़ी का विकल्प चुनती है. फालोदी के इन अनुभवी विश्लेषकों का मानना है कि मैच का रुख टॉस से तय हो सकता है और यह मुकाबला किसी भी दिशा में जा सकता है.

बाज़ार राजनीतिक भविष्य को लेकर सट्टे लगाने के लिए मशहूर रहा है.
बहुत पुराना है सट्टा बाज़ार
सालों से फालोदी शहर चुनावों, मानसून और स्थानीय व राष्ट्रीय नेताओं के राजनीतिक भविष्य को लेकर सट्टे लगाने के लिए मशहूर रहा है. हालांकि, सट्टा लगाने को लेकर पुलिस की निगरानी भी इस बाजार पर रही है, जिसके चलते बाजार संघ ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि उन्हें “सट्टा बाजार” की जगह “हेरिटेज मार्केट” कहा जाए क्योंकि यहां सट्टा लगाना पेशा नहीं बल्कि एक परंपरा और शौक है.
मुंबई से आई 'बाज़ी' लगाने की परम्परा
जब अप्रैल 2024 में एनडीटीवी की टीम ने इस हेरिटेज मार्केट का दौरा किया, तो बाजार के व्यापारियों ने बताया कि सट्टा लगाने का यह शौक एक परंपरा बन चुका है. यहां के व्यापारी पहले मुंबई के बाजारों में काम करते थे, जहां वे शेयर बाजार में भी सक्रिय रहते थे.

फालोदी के सट्टा बाजार के सभी व्यापारी दांव लगाने को तैयार रहते हैं.
जब वे वापस फालोदी लौटे, तो विश्लेषण, बहस और चर्चा की संस्कृति साथ लेकर आए, जो बाजार चौक में एक सामान्य चर्चा का विषय बन गया और धीरे-धीरे यह शौक एक जुनून और फिर एक साइड प्रोफेशन में बदल गया. मिठाई दुकानदारों से लेकर राशन डीलरों और यहां तक कि सुनारों तक, फालोदी के सट्टा बाजार के सभी व्यापारी दांव लगाने को तैयार रहते हैं.
कई बार भविष्यवाणी से चूका भी है बाज़ार
फालोदी के व्यापारी लक्ष्मी नारायण व्यास ने कहते हैं, “बाजार फिलहाल आरसीबी के पक्ष में है, लेकिन टॉस के बाद देखते हैं क्या होता है,अभी के लिए बैंगलोर की टीम आगे दिख रही है.” ऐसा नहीं है कि यह बाजार हमेशा सही भविष्यवाणी करता हो. कई बार फालोदी का हेरिटेज मार्केट भी चूक कर जाता है, जैसे कि पिछली लोकसभा चुनावों में जब सट्टा बाजार ने राजस्थान की 25 सीटों में से भाजपा को 20 से 23 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी. लेकिन भाजपा को केवल 14 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने चौंकाते हुए 11 लोकसभा सीटें जीत लीं.