IRS immersed mother's ashes in Farm: दौसा जिले में आईआरएस अधिकारी ने उनकी मां की अस्थियों का विसर्जन खेतों में किया. उसकी मां की इच्छा थी कि उनके दुनिया छोड़ने के बाद उनकी अस्थियों का विसर्जन धार्मिक स्थान पर नहीं, बल्कि खेतों में किया जाए. इसी के चलते उनकी इच्छा अनुसार खेतों में विर्सजन किया गया. मृतका किशनी देवी ने खेतीबाड़ी कर बच्चों का पालन-पोषण कर पढ़ाया लिखाया और आज किशनी देवी परिवार में कई बच्चे शिक्षक हैं. उनका छोटा बेटा विमल कुमार भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी है और पौता परीक्षित आईएएस अधिकारी है.
खेती-किसानी से था लगाव, महिला ने जाहिर की थी खास इच्छा
यह परिवार सीकराय तहसील के ठीकरिया गांव में रहता है. विसर्जन की जगह चुनने के पीछे वजह यह है कि खेती-किसानी से जुड़ी रही किशनी देवी का अधिकांश समय खेती करते हुए ही बीता. खेती के साथ-साथ अनेक फलदार तथा छायादार पेड़ पौधे लगाए. इसी के चलते उनकी इच्छा थी कि उसके मरने के बाद उसकी अस्थियों को खेतों में बहा दिया जाए और परिवार ने भी ऐसा ही किया.
सामाजिक परंपरा और रीति-रिवाज से दूरी बनाकर की यह पहल
इधर, किशनी देवी परिवार के सदस्य धर्म सिंह ने बताया कि किशनी देवी का लगभग 85 वर्ष की आयु में 30 नवंबर को देहांत हो गया था. जब महिला का निधन हुआ तो उसकी अस्थियों और राख का विसर्जन 2 दिसंबर को किया. परिजनों ने खेतों में पानी छोड़ते हुए अस्थि विसर्जन कर दिया. विमल कुमार का कहना है कि मृत्यु भोज एक अनावश्यक खर्च है. उन्होंने सामाजिक परंपराओं और रीति-रिवाज से दूरी बनाकर यह पहल की है. दिखावे के चक्कर में कर्मकांड और आडंबर के नाम पर व्यर्थ खर्च ना कर बेटियों को शिक्षित करने में करना चाहिए, क्योंकि शिक्षित लोग ही समाज को सुधारने के लिए विभिन्न प्रयास करते हैं.