विज्ञापन

जयपुर में पानी की टंकी पर चढ़े 6 लोग; डिप्टी मेयर पर लगे आरोप; सात घंटे तक चला हाई वोल्टेज ड्रामा

पुलिस ने बताया कि महिलाएं पिछले डेढ़ महीने से शिकायतें लेकर आ रही हैं, लेकिन दस्तावेज़ नहीं दिखाने के कारण कार्रवाई में मुश्किल आई है. टंकी पर चढ़े लोगों की ओर से एक मांग-पत्र भी जारी किया गया है.

जयपुर में पानी की टंकी पर चढ़े 6 लोग; डिप्टी मेयर पर लगे आरोप; सात घंटे तक चला हाई वोल्टेज ड्रामा

राजस्थान के जयपुर में प्लॉट पर कब्जा न मिलने से आहत तीन महिलाएं और तीन पुरुष पानी की टंकी पर चढ़ गए. पानी की टंकी पर चढ़े लोगों ने नगर निगम ग्रेटर के डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट सहित चार लोगों पर जमीन पर कब्जा दिलाने में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है. करीब 7 घंटे तक चले ड्रामे के बाद प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता के बाद सभी लोग नीचे उतरे. दूसरी तरफ पानी की टंकी पर चढ़े लोगों की आरोप पर नगर निगम के डिप्टी मेयर ने प्रतिक्रिया दी है. 

समझाइश में लगे रहे पुलिस अफसर

दरअसल, प्रतापनगर इलाके में जगदीश धाम योजना के प्लाट का कब्जा न मिलने के बाद 6 लोग पानी की टंकी पर चढ़ गए. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह करीब सवा 12 बजे घटनाक्रम शुरू हुआ, जिसके बाद पुलिस और सिविल डिफेंस की टीमें मौके पर पहुंचीं. सुरक्षा को देखते हुए टंकी के नीचे जाल लगाया गया और दमकल वाहन भी बुला लिया गया. पानी की टंकी पर चढ़ीं महिलाएं डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट को मौके पर बुलाने पर अड़ी रहीं.

इस दौरान सांगानेर डीएसपी विनोद और पुलिस अधिकारी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं. डीएसपी ने बताया कि महिलाएं पिछले डेढ़ महीने से शिकायतें लेकर आ रही हैं, लेकिन दस्तावेज़ नहीं दिखाने के कारण कार्रवाई में मुश्किल आई है. टंकी पर चढ़े लोगों की ओर से एक मांग-पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें आरोप है कि वर्ष 1998 में श्री जगदीश धाम योजना के तहत अचरोल गृह निर्माण सहकारी समिति से वैध रूप से भूखंड लिए गए थे, लेकिन 2005 में जमीन पर विवाद के कारण कोर्ट से स्टे आ गया.

टंकी पर बैठी महिलाएं भी इन्हीं में से हैं और वर्षों से इसी कॉलोनी में निवास कर रही हैं. टंकी पर चढ़े लोगों ने आरोप लगाया कि नगर निगम ग्रेटर के डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट सहित चार लोगों पर जमीन पर कब्जा दिलाने में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है. 

पुनीत कर्णावट पर रजिस्ट्री का आरोप

तुलसीराम चौधरी के अनुसार, इसी जमीन पर वर्ष 2005 में ही पुनीत कर्णावट ने रजिस्ट्री करवा ली और 2022 में इसे जेडीए से मंजूरी दिलाकर नई कॉलोनी काट दी. इस दौरान पुराने भूखंड धारकों को पजेशन नहीं मिला और पुलिस व अन्य लोगों द्वारा उन्हें धमकाया गया. विवादित भूमि पर कुल 206 भूखंड धारक हैं, जिनमें से केवल 13 को पजेशन मिला है.

आरोपों पर डिप्टी मेयर का आया बयान

बाद में डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावत ने आरोप पर कहा कि यह प्रदर्शन अचरोल गृह निर्माण सहकारी समिति के फर्जी पट्टों के आरोपियों द्वारा पुलिस जांच को प्रभावित करने की मंशा से किया गया था. 10 जून 2025 को कुछ लोगों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बेबुनियाद दावे किए गए थे, जिनके खिलाफ 12 जून को प्रतापनगर थाने में मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने जब उनसे दस्तावेज मांगे तो वे फर्जी निकले. मुख्य अभियुक्तों ने ही अपने लोगों को टंकी पर चढ़ने के लिए उकसाया, ताकि पुलिस पर दबाव बनाया जा सके.

फर्जी पट्टों का मामला दर्ज 

इससे पहले भी ‘जगदीश धाम' योजना के फर्जी पट्टों का मामला दर्ज हो चुका है. जांच में सामने आया कि प्राइम बिल्ड होम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा वर्ष 2005 में संबंधित ज़मीन की रजिस्ट्री वैध रूप से करवाई गई थी और सभी भुगतान चेक से किए गए थे. जयपुर विकास प्राधिकरण और सहकारिता विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अचरोल समिति ने कभी ‘जगदीश धाम' नाम से कोई योजना बनाई ही नहीं.

1976 से 2005 तक की ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि समिति के पास भूमि खरीदने लायक न तो पूंजी थी और न ही वैधानिक अधिकार. इतना ही नहीं, 2015 में राज्य सरकार ने इस समिति का पंजीकरण भी रद्द कर दिया था, क्योंकि इसके कामकाज में भारी गड़बड़ियां पाई गई थीं. एक अहम गवाह देशराज बेरवा ने भी अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि उसने कभी कोई एग्रीमेंट समिति के पक्ष में नहीं किया और न ही ‘जगदीश धाम' के पट्टे जारी किए.

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close