
Heart valve replacement using IVUS in Jaipur: जयपुर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में 60 साल के बुजुर्ग के हृदय का वाल्व बदला गया. बुजुर्ग 'एओर्टिक स्टेनोसिस' नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था. इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (IVUS) तकनीक से यह ऑपरेशन किया गया. जानकारी के मुताबिक, ', एक उन्नत इमेजिंग प्रक्रिया है. यह रक्त वाहिकाओं के अंदर की विस्तृत तस्वीरें बनाने के लिए उच्च-आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है.
ओपन हार्ट के मुकाबले आसान सर्जरी
इस मरीज का ‘इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड' द्वारा निर्देशित ‘ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इंप्लांटेशन' (TAVI) सफलतापूर्वक किया गया. ‘ओपन-हार्ट सर्जरी' के मुकाबले ‘ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इंप्लांटेशन' संकुचित हृदय वाल्व (एओर्टिक स्टेनोसिस) को बदलने के लिए एक आसान सर्जरी है, जिसके तहत छोटे चीरे लगाए जाने से मरीज को कम दर्द होता है. दरअसल, ओपन-हार्ट सर्जरी को बुजुर्ग मरीज के लिए उच्च जोखिम वाला माना गया था, क्योंकि उनकी पहले भी बाईपास सर्जरी हो चुकी थी.
चिकित्सा जगत में बड़ी उपलब्धि
इसे हार्ट ऑपरेशन के मामले में बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है. इस अपेक्षाकृत आसान सर्जरी वाली इस प्रक्रिया में एक उन्नत ऊतक वाल्व का इस्तेमाल किया गया. वाल्व की अनुमानित अवधि 20 से 25 साल है.‘इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड' इमेजिंग से चिकित्सकों को यह पुष्टि करने में मदद मिली कि वाल्व सही जगह पर लगा है, पूरी तरह से फैला हुआ है और रिसाव मुक्त है.
यह भी पढ़ेंः राजस्थान में जारी है बारिश का दौर, अगले 4 दिन इन जिलों में अलर्ट