Jamwaramgarh Jaipur dowry free marriage: जमवारामगढ़ क्षेत्र के कानडियावाला गांव में दहेज मुक्त विवाह की एक अनूठी पहल सामने आई है. युवक देवेंद्र मीणा की शादी में परिवार ने दहेज मुक्त शादी की पहल की. इस पहल में युवक के चाचा आईएएस डॉ. हरसहाय मीणा और पंचायत समिति सदस्य (मानोता) सुमन मीणा भी शामिल रहे. परिवार ने सभी रस्में सिर्फ एक रुपया में पूरी कीं. शादी से पहले ही वर-वधू पक्ष ने बैठक कर दहेज मुक्त विवाह पर सहमति बनाई थी. लड़की साधारण किसान परिवार से है. उनके परिवार ने भी बिना किसी दिखावे और खर्च के फैसले का पूरा समर्थन किया.
दोनों पक्षों को मिल रही बधाईयां
विवाह दहेज मुक्त होने की खबर इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. मीणा समाज सहित अन्य समाजों में भी इसे एक अच्छी मिसाल माना जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोग दोनों पक्षों को बधाई दे रहे हैं और इसे समाज में सकारात्मक बदलाव का कदम बता रहे हैं.
किसी पर बेवजह आर्थिक बोझ ना पड़े- IAS
आईएएस डॉ. हरसहाय मीणा ने कहा कि वैवाहिक संबंध सीधे लड़का और लड़की पक्ष के बीच सहमति से बनने चाहिए. बिचौलियों की वजह से कई बार गलत जानकारी और अनावश्यक दबाव पैदा होता है, जिससे गरीब परिवार पर बेवजह आर्थिक बोझ पड़ता है. उन्होंने कहा कि सगाई से पहले दोनों पक्ष अपने विचार और अपेक्षाएं साफ कर लें तो बाद में रिश्तों में कोई तनाव नहीं बनता.
"शादी 2 लोगों का नहीं, परिवारों का रिश्ता"
परिजनों का यह भी कहना है कि शादी सिर्फ दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का रिश्ता है. बिना लोभ लालच और बिना दहेज के होने वाले विवाह ही आगे चलकर मजबूत संबंध बनाते हैं. शादी के बाद परिवारों को एक-दूसरे के सुख दुख में बिना किसी स्वार्थ के साथ खड़ा रहना चाहिए.
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