Rajasthan Weather: राजस्थान में एक बार फिर से मानसून सक्रिय हो गया है. बीते 2 दिनों से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का दौर जारी है. मूसलाधार बारिश के कारण तालाब सड़कें जलमग्न हो गईं हैं. यहीं नहीं कई गांवों का संपर्क कट गया है. जोधपुर में तो भारी बारिश के चलते रेलवे ट्रैक बह गया, जिससे गई ट्रेनें प्रभावित हो गईं. उधर लगातार पानी की आवक के चलते राज्य के सबसे बड़े डैम के 4 गेट खोलने पड़ गए. मौसम विभाग ने राजस्थान के कई हिस्सों में अगले 4-5 दिन मानसून सक्रिय रहने की संभावना जताई है.
अगले 4-5 दिन भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक, राजस्थान के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में मेघगर्जन के साथ मूसलाधार बारिश दर्ज की गई. राज्य में बीते 24 घंटे के दौरान उदयपुर के ऋषभदेव में सबसे ज्यादा 167 मिमी बारिश हुई है. आज (04 सितंबर) जोधपुर, उदयपुर, कोटा, जयपुर और बीकानेर समेत कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है. मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में अगले 4-5 दिन मानसून सक्रिय रहने और कहीं-कहीं भारी बारिश की गतिविधियां रहने की संभावना है.
बारिश के कारण रेलवे ट्रैक बहा
जोधपुर में सुबह 3 घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के बाद में चलते रेलवे पटरी के नीचे से गिट्टी निकल कर बह गई. जैसलमेर काठगोदाम रेल सेवा को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है. इसके अलावा जोधपुर आशापुरा गोमट जोधपुर रामदेवरा मेला स्पेशल अप एंड डाउन और जोधपुर जैसलमेर डेमो ट्रेन भी बारिश के चलते रद्द कर दी गई है. वहीं, उदयपुर में पानी की तेज आवक के चलते मोरवानिया के नजदीक पुलिया टूट गई, जबकि लगातार हो रही बारिश के कारण नेशनल हाईवे 48 पर पानी भर जाने से जाम लग गया. पानी में फंसी गाड़ियों को ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया.
बूंदी में स्टेट हाईवे बंद
बूंदी में बारिश के चलते हालत खराब हो गए. जिले में पिछले 24 घंटे के भीतर 9 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है. गुढ़ा बांध के गेट खोले जाने से मेज नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जयपुर नैनवां मार्ग पर खटकड़ पुलिया पर 2 फीट पानी आ जाने के चलते मार्ग को बंद करना पड़ा. इसी तरह नैनवा इलाके में कनक सागर बांध ओवरफ्लो होने के कारण गांव में कनक सागर का पानी गावों में घुस गया और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. नमांना क्षेत्र के श्यामू गांव में भारी बारिश के चलते नदी की पुलिया पर 4 फीट पानी आ गया. रास्ता बाधित हो जाने से 12 से अधिक गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क कर गया. ग्रामीण जान जो की में डालकर रास्ते को पार करते हुए नजर आए
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