Rajasthan News: 'स्वर्णनगरी' की आभा को निखारने व शहर को सुंदर बनाने के लिए जैसलमेर नगर परिषद ने एक नवाचार किया है. इसके तहत, करीब 4 करोड़ की लागत से शहर के अंबेडकर पार्क से मलका प्रोल तक डिवाइडर को पीले आर्टिस्टिक पत्थरों से बनाया जा रहा है. एयरफोर्स चौराहे पर पीले पत्थरों के डिवाइडर बनाने का काम मंगलवार से शुरू भी हो गया है.
'पुराने होटल-मकान के बाहर ही दिखते थे ये पत्थर'
जैसलमेर के विश्व प्रसिद्ध पीले बलुआ पत्थर पर नकाशी व कारिगरी करने के बाद सड़क के बीच डिवाइडर के रूप में उपयोग अपने आप में अनूठा नवाचार है, क्योंकि यह पहली बार हो रहा है. इससे पहले इस तरह कि नकाशी किसी होटल के बाहर या पुराने मकानों के बाहर देखने को मिलती थी. इस निर्माण की हर कोई तारीफ कर रहा है. अब शहर में प्रवेश के साथ ही यहां की नकाशी व पत्थर पर कारीगरी की कला से पर्यटक रूबरू हो पाएंगे.
'मरू महोत्सव से पहले काम पूरा करने की कोशिश'
नगर परिषद कमिश्नर लजपाल सिंह ने बताया कि शहर को सुंदर बनाने और सैलानियों को लुभाने के लिए नगर परिषद अनूठे प्रयास कर रही है. इसको लेकर हम करीब 4 करोड़ रुपये खर्च कर जैसलमेर के पीले पत्थरों से कलात्मक डिवाइडर बनाने का काम कर रहे हैं. ताकि स्वर्णनगरी की सुंदरता में ये यलो स्टोन से बने डिवाइडर चार चांद लगा सके. वहीं आगामी दिनों में सर्किल का काम शुरू होना है. शहर के अंबेडकर पार्क से लेकर गड़ीसर सर्किल, एयरफोर्स सर्किल, नीरज सर्किल, व्यास सर्किल से होते हुए हनुमान सर्किल और गीता आश्रम चौराहे से लेकर मलका प्रोल तक बने डिवाइडर को इस नए डिवाइडर से बदलने का काम शुरू हो गया. उम्मीद है कि मरू महोत्सव से पहले इस काम को पूरा कर लिया जाए.
सुंदरता के साथ सुरक्षा का भी रखा जाएगा ख्याललजपाल सिंह ने बताया कि इन डिवाइडरों में जैसलमेर की शैली के कलात्मक पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बन जाएगा. इसी के साथ इसमें बड़े पाम ट्री को भी लगाया जाएगा, जिससे इसकी सुंदरता और भी निखर जाएगी. वहीं सुरक्षा के लिहाज से भी यह जरूरी था. शहर में पिछले दिनों हुए सड़क निर्माण के बाद सड़कों का लेवल ऊपर आ जाने से यहां के डिवाइडर सड़क से नीचे हो गए हैं, जिससे चलते हर वक्त दुर्घटना का खतरा मंडराता रहता है. इस लिहाज से भी डिवाइडर का निर्माण जरूरी है.
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