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पूर्व बीजेपी विधायक अमृता मेघवाल को क्या ससुराल वालों ने पीटा? CCTV से सामने आया सच

अमृता मेघवाल ने वर्ष 2013 में जालोर से रिकॉर्ड मतों से विधानसभा चुनाव जीता था. मगर अगले चुनाव में टिकट कटने के बाद पति बाबूलाल मेघवाल के साथ उनके गंभीर मतभेद हो गए.

पूर्व बीजेपी विधायक अमृता मेघवाल को क्या ससुराल वालों ने पीटा? CCTV से सामने आया सच
भाजपा की पूर्व विधायक अमृता मेघवाल ने ससुराल वालों पर मारपीट का आरोप लगाया है.

Jalore : राजस्थान में जालोर से भारतीय जनता पार्टी की पूर्व विधायक अमृता मेघवाल के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है. ऐसा बताया जा रहा है कि अमृता मेघवाल ने रविवार शाम को अपने पूर्व पति एडवोकेट बाबूलाल मेघवाल के घर का ताला तोड़ कर घुसने का प्रयास किया. इसे लेकर उनकी अपने ससुराल पक्ष के लोगों के साथ कहासुनी हुई. इसके बाद पूर्व विधायक मेघवाल ने अपनी ससुराल के लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया और खुद ही अस्पताल में भर्ती हो गईं. उनकी ससुराल के लोगों ने भी अमृता मेघवाल पर मारपीट करने का आरोप लगाया है.

जालोर की पूर्व विधायक अमृता मेघवाल का अपने पति एडवोकेट बाबूलाल मेघवाल से वैवाहिक सम्बंध विच्छेद (तलाक) हो चुका है. संबंध टूटने के करीब सवा साल बाद रविवार शाम को उन्होंने जालोर में ताला तोड़कर बंद घर में घुसने का प्रयास किया, तब वहां अमृता मेघवाल के ससुर हेमाराम और काकाई ससुर शिवलाल व मौजूद थे जिन्होंने उन्हें रोका, जिसके बाद उनके बीच आपस में कहासुनी होने लगी.

अमृता के साथ-साथ उनके पति बाबूलाल मेघवाल भी राजनीति में पूरे सक्रिय रहे. इस कारण वर्ष 2018 में पार्टी में विरोध हुआ और अमृता मेघवाल का टिकट काट दिया गया. इसके बाद से पति-पत्नी में विवाद बढ़ने लगा.

सीसीटीवी फुटेज आया सामने

इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें पूर्व विधायक अमृता मेघवाल और उसके ससुरालवालों के बीच हो रहा विवाद साफ दिख रहा है. वीडियो में पूर्व विधायक अमृता मेघवाल एक बुजुर्ग व्यक्ति को धक्का देती नज़र आ रही हैं. ससुर शिवलाल ने पूर्व विधायक अमृता मेघवाल पर मारपीट का आरोप लगाया है.

अमृता मेघवाल 2013 से 2018 तक विधायक रहीं

अमृता मेघवाल 2013 से 2018 तक विधायक रहीं

2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद हुआ पारिवारिक विवाद

अमृता मेघवाल और वकील बाबूलाल मेघवाल की शादी वर्ष 2008 में हुई थी. बाबूलाल जालोर जिले के नोरवा हाल रामदेव कॉलोनी के निवासी हैं, जबकि अमृता मेघवाल पाली जिले के चाणोद की निवासी हैं. 

शादी के बाद अमृता मेघवाल राजनीति में रुचि लेने लगीं, और एक बार जिला परिषद सदस्य भी निर्वाचित हुईं. उनके पति बाबूलाल मेघवाल ने भी पत्नी का साथ दिया. पार्टी में पैठ बनाते हुए वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव में अमृता ने भाजपा के टिकट पर जालोर की एससी आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की और पांच साल विधायक रहीं.

अमृता के साथ-साथ उनके पति बाबूलाल मेघवाल भी राजनीति में पूरे सक्रिय रहे. इस कारण वर्ष 2018 में पार्टी में विरोध हुआ और अमृता मेघवाल का टिकट काटकर जोगेश्वर गर्ग को दे दिया गया. टिकट कटने के बाद से पति-पत्नी में विवाद बढ़ने लगा और दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाने लगे.

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के साथ अमृता मेघवाल (फाइल तस्वीर)

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के साथ अमृता मेघवाल (फाइल तस्वीर)

तलाक तक पहुँचा मामला

कुछ साल बाद पति बाबूलाल ने पारिवारिक न्यायालय जालोर में वैवाहिक सम्बन्ध विच्छेद के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिसके बाद न्यायालय ने अमृता मेघवाल को कई नोटिस भेजकर उपस्थित होने को कहा. लेकिन अमृता मेघवाल न्यायालय में उपस्थित नहीं हुईं, जिसके बाद पारिवारिक न्यायालय ने 4 मई 2023 को वैवाहिक सम्बन्ध विच्छेद का फैसला बाबूलाल के पक्ष में दे दिया. अमृता मेघवाल इस अवधि में अपनी बेटी के साथ जयपुर व दिल्ली रहने लगीं. 

7 जुलाई को जालोर पहुँची

अमृता मेघवाल रविवार 7 जुलाई 2024 की शाम को अचानक दो अन्य औरतों के साथ जालोर के रामदेव कॉलोनी के घर पहुंचीं और दरवाजा खोलने का प्रयास किया.

आवाज सुनकर काकाई ससुर शिवलाल व ससुर हेमाराम ने इसका घर का ताला तोड़ने का विरोध किया तो दोनों के बीच कहासुनी होने लगी और मामला अब पुलिस तक पहुँच गया है. दोनों पक्षों की ओर से थाने में रिपोर्ट दी गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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