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Jat Reservation: जाट आरक्षण पर 18 दिन बाद भी केंद्र से नहीं बनी बात, आज महापंचायत में हो सकता चक्काजाम का ऐलान!

Jat Reservation Agitation: भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 18 दिनों से महापड़ाव डाले हुए हैं. सरकार से बात करने के लिए एक एक कमेटी भी बनी, लेकिन सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया. आज हो रही महापंचायतों के बाद आंदोलन और तेज हो सकता है.

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Jat Reservation: जाट आरक्षण पर 18 दिन बाद भी केंद्र से नहीं बनी बात, आज महापंचायत में हो सकता चक्काजाम का ऐलान!
महापड़ाव में मौजूद जाट समाज के लोग

Rajasthan Jat Reservation Row: केंद्र सरकार की ओर से वार्ता के लिए संदेश नहीं आने पर धौलपुर और भरतपुर जाट समाज के द्वारा शनिवार को अलग-अलग जगहों पर दो महापंचायत का आयोजन किया जाएगा. जाट समाज ने 17 जनवरी से उच्चैन उपखंड के गांव जयचोली में केंद्र की सरकारी सेवाओं में ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर महापड़ाव डाला हुआ है. इस महापड़ाव को करीब 18 दिन का समय हो चुका है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पांच सदस्य कमेटी बनाए जाने पर भी अभी तक वार्ता का कोई संदेश नहीं पहुंचा है. यही वजह है कि शनिवार को भरतपुर और जयचोली गांव में अलग अलग जाट समाज के लोगो की महापंचायत है.

'सरकार शांतिपूर्ण आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है'

इन महपंचायतों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब इस आंदोलन के तेज होने की संभावना है. भरतपुर शहर में आयोजित होने वाली महापंचायत में भरतपुर, डीग और धौलपुर जिले के लोगों को बुलाया गया है. इस महापंचायत में जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह मौजूद रहेंगे. साथ ही जयचोली गांव में आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने भी दोपहर बाद महापंचायत बुलाई है. उन्होंने कहा है महापंचायत में समाज जो फैसला करेगा उसके अनुसार आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा. फौजदार ने कहा कि, सरकार शांतिपूर्ण आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है आगे हालात बिगड़े तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

'महापंचायतों में तय होगी आगे की रणनीति' 

भरतपुर जिले में जाट समाज का केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर तीन गांवों जयचोली , जटमासी और डहरा मोड पर महापड़ाव जारी है. केंद्र सरकार से वार्ता के लिए जाट समाज के लोगों की पांच सदस्य कमेटी भी बनी लेकिन शुक्रवार को संभावना थी कि वार्ता के लिए कोई संदेश आएगा लेकिन सरकार की ओर से अभी तक वार्ता के लिए किसी भी प्रकार का कोई संदेश नहीं आया है. अब देखने वाली बात होगी कि दोनों महापंचायतों में क्या फैसला लिया जाएगा.

भरतपुर- धौलपुर के जाटों नहीं है केंद्रीय सेवाओं में OBC आरक्षण 

भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिए जाने की मांग 1998 से चली आ रही है. 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने भरतपुर और धौलपुर जिलों के साथ अन्य नौ राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था. 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर-धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 23 अगस्त 2017 को पूर्ववर्ती वसुंधरा राज में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया गया. लेकिन केंद्र ने यह आरक्षण नहीं दिया.

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