
Rajasthan News: राजस्थान पुलिस की जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने 30,000 रुपये के इनामी तस्कर को गिरफ्तार किया है. जो तीन साल से फरार चल रहा था. तस्कर ने राजकपूर की फिल्म तीसरी कसम की तरह तस्करी के धंधे से तौबा करने की तीन बार कसम खाई थी. लेकिन उसे ना तो अपराध की दुनिया से छुटकारा मिला और ना ही साइक्लोनर टीम की पैनी निगाहों से बच पाया. तस्कर को पकड़ने के लिए साइक्लोनर टीम ने उसके रिश्तेदारों की कुण्डली खंगाली ली. इसके लिए ऑपरेशन विश्वव्यंजन 5 महीने पहले शुरू किया गया था.
जोधपुर के पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी करने का आरोपी जगदीश पिछले तीन साल से गिरफ्तारी से बचा हुआ था. उसे मंगलवार शाम बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना इलाके में गिरफ्तार किया गया.
भतीजे की मादक पदार्थ के कारण मौत
महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि आरोपी जगदीश ने अपने वाहनों में मादक पदार्थों की तस्करी शुरू की और उसके खिलाफ 2012 में मामला दर्ज किया गया था, इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया और 2018 में वह जेल से रिहा हो गया था. बाद में, उसके भतीजे की मादक पदार्थ के कारण मौत हो गई और उसने तस्करी छोड़ने की कसम खाई.
नहीं रह सका अपराध की दुनिया से दूर
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि आरोपी जगदीश ने तस्करी छोड़ने की कसम खाने के बाद कुछ अन्य काम शुरू किये और युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया. लेकिन वह खुद अपराध की दुनिया से दूर नहीं रह सका और बाद में फिर से मादक पदार्थ की तस्करी करने लगा. तीन साल बाद, वह आंध्र प्रदेश और फिर तमिलनाडु चला गया. शातिर जगदीश न तो मोबाइल रखता था और ना ही एक जगह टिक कर रहता था. जोधपुर पुलिस की विशेष टीम ने करीब पांच महीने पहले ही उसके बारे में जानकारी जुटाई. टीम के सदस्यों ने कुछ सूचनाओं के आधार पर हैदराबाद, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और अन्य शहरों का दौरा किया, लेकिन उसका पता नहीं चल सका.
इसी बीच, पुलिस टीम को सूचना मिली कि जगदीश अपने रिश्तेदार के संपर्क में है, जिसके बाद उसकी गतिविधियों पर नजर रखी गई. उसका पीछा करते हुए टीम ने बाड़मेर के धोरीमन्ना इलाके से जगदीश को पकड़ लिया.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है.
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