Ram Mandir: राजस्थान का जोधपुर (Jodhpur) शहर काफी मशहूर शहर है. इसका नाम आते ही खान-पान और टूरिस्ट डेस्टिनेशन की बात की जाने लगती है. लेकिन जोधपुर का नाम अब सबसे बड़े दानदाताओं की गिनती में भी की जाएगी. जोधपुर के लोगों ने दिखा दिया कि करोड़पति से लेकर आम लोग तक समाज सेवा के लिए दिल खोलकर दान देते हैं. कोरोना के समय भी लोगों ने खुलकर दान किया था. वहीं, अब अयोध्या में बन रहे राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए जब योगदान की बात आई तो यहां के लोग इसके लिए भी पीछे नहीं रहे. जोधपुर ने अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए देशभर में निधि समर्पण अभियान में सबसे ज्यादा दान किया है. जबकि राजस्थान ने उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है.
बताया जा रहा है कि निधि समर्पण अभियान जो पूरे देश में चलाया जा रहा है. उसमें जोधपुर के लोगों ने 30 दिन में 214 करोड़ रुपये से ज्यादा का दान किया है. जो किसी भी शहर में सबसे ज्यादा दिया गया दान है.
राजस्थान से करीब 500 करोड रुपए
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दान देने के मामले में जोधपुर और राजस्थान के दानदाता पूरे देश में सबसे आगे रहे हैं. पूरे देश में सबसे ज्यादा सहयोग राशि जोधपुर के लोगों ने दी है. राजस्थान से करीब 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि भेजी गई है. आबादी के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है लेकिन वह भी दूसरे नंबर पर रहा. उत्तर प्रदेश में करीब 200 करोड़ से अधिक की राशि दान की गई.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की योजना और विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में देश भर में निधि समर्पण अभियान चलाया गया था. जोधपुर में यह अभियान 15 जनवरी से 21 फरवरी 2021 तक चलाया गया था. जिसमें संघ और विश्व हिंदू परिषद के पूरे देश भर में 44 प्रान्त में जोधपुर धनराशि संग्रहण में पहले स्थान पर रहा. हालांकि देश के विभिन्न राज्यों के महानगर शहर और गांव का भी इसमें योगदान रहा.
भिखाड़ी ने दिये 7000 रुपये
राम मंदिर के लिए हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के एक भिखाड़ी ने अपने 9 साल की कमाई करीब 7000 से अधिक का सहयोग दिया था. तो वही सूरसागर निवासी अस्पताल में भर्ती एक महिला ने रामलला के लिए अपने सोने के गहने दान करने की इच्छा जाहिर की थी. लेकिन बाद में उसकी मृत्यु होने पर उसके पति और परिजनों ने वह गहने विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी को दिए. वहीं निधि समर्पण अभियान शुरू होने पर सबसे पहले एक करोड़ की राशि जोधपुर से दी गई थी. जिसमें समाजसेवी निर्मल गहलोत ने अभियान शुरू होने पर एक करोड़ का चेक से दान किया था.
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