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Jodhpur RIFF 2024: राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल का आगाज, कई देशों के कलाकार होंगे शामिल

जोधपुर के ऐतिहासिक मेहरानगढ़ दुर्ग में 16 से 20 अक्टूबर तक राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल 'RIFF 2024' का 17वां संस्करण आयोजित होगा. इस फेस्टिवल में भारत और अन्य देशों के 280 से अधिक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे.

Jodhpur RIFF 2024: राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल का आगाज, कई देशों के कलाकार होंगे शामिल
राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल

Rajasthan International Folk Festival:  जस्थान की सांस्कृतिक राजधानी जोधपुर एक बार फिर से राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल (RIFF 2024) के 17वें संस्करण की मेजबानी कर रही है. 16 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में देश-विदेश के 280 से अधिक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से मेहरानगढ़ दुर्ग को संगीत की धुनों से सराबोर करेंगे. इस आयोजन का उद्देश्य विभिन्न संगीत संस्कृतियों को एक मंच पर लाना और विश्वभर के संगीत प्रेमियों को राजस्थानी लोक संगीत से जोड़ना है.

चांद की चांदनी से जगमगाएगा मेहरानगढ़ दुर्ग

मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस महोत्सव का हर साल संगीत प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार रहता है. RIFF 2024 के इस संस्करण में भारत और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. इस बार की विशेषता यह है कि महोत्सव के दौरान मेहरानगढ़ दुर्ग शरद पूर्णिमा के चांद की चांदनी से जगमगाएगा, जिससे संगीत के सुर और भी मोहक बन जाएंगे.

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कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियां

इस वर्ष महोत्सव में फ्रांस के प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिका कलाकार एरिक माउक्वेट, जिन्होंने ग्रैमी विजेता संगीत परियोजना डीप फॉरेस्ट की सह-स्थापना की थी, केरल के कुटियाट्टम वादक कपिला वेणु, नॉर्वे के गब्बा, और अन्य अंतरराष्ट्रीय कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे. इसके साथ ही भारतीय संगीतकारों में मारवाड़ के मांगणियार, राजस्थान के उभरते संगीत समूह 'साज', और लोक कलाकार सोना महापात्रा भी शामिल होंगे.

राजस्थानी लोक संगीत को वैश्विक पहचान

मारवाड़-जोधपुर के महाराजा गज सिंह द्वितीय ने कहा कि जोधपुर RIFF, राजस्थानी लोक कलाकारों के लिए अपनी कला को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने का एक बेहतरीन मौका है. उन्होंने कहा, "राजस्थानी लोक कलाकार न केवल अपनी संगीत विरासत के संदर्भ में बल्कि अपनी समकालीनता के लिए भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों के बराबर हैं. यह महोत्सव उन्हें अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के साथ संवाद और सहयोग करने का मौका देता है."

मूल संगीत के संरक्षण और विकास की पहल

पिछले 17 वर्षों से जोधपुर RIFF भारतीय मूल संगीत के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. इस महोत्सव में न केवल संगीत, बल्कि नृत्य, रंगमंच, शास्त्रीय, जैज, लोक, और सूफी जैसी कई शैलियों को भी प्रस्तुत किया जाता है. इस बार के महोत्सव का उद्देश्य पारंपरिक और आधुनिक संगीत के बीच की दूरियों को कम करना है, जिससे दर्शकों को एक अनोखा सांस्कृतिक अनुभव मिल सके.

त्योहारों का रंगमंच पर प्रदर्शन

महोत्सव के दौरान कथक, कुटियाट्टम, जयपुर तमाशा, पावकथकली और लावणी जैसी परंपरागत नृत्य शैलियों का भी प्रदर्शन किया जाएगा. मॉरीशस के एगलिन मारीमुतु और अन्य अंतरराष्ट्रीय कलाकार अपनी अनोखी संगीत प्रस्तुतियों के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे.

सारंगी और ढोलक की मधुर धुनें

गत वर्ष के RIFF फेस्टिवल में राजस्थानी वाद्य यंत्रों जैसे ढोलक, भपंग और खरताल पर विशेष ध्यान दिया गया था. इस वर्ष भी राजस्थानी कलाकार फिरोज खान मंगनियार और सादिक खान अपनी ढोलक की धुनों से महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे.

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