
Karauli Congress: करौली में कांग्रेस ने वोट चोरी मामले में कैंडल मार्च किया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से शुरू किए अभियान में स्थानीय नेता भी शामिल हुए और चुनाव आयोग के खिलाफ हल्ला बोला. लेकिन इस मार्च में पार्टी की गुटबाजी की तस्वीर भी उजागर हो गई. हालात इस कदर बिगड़ गए कि कांग्रेस नेता बीच रैली में से ही लौट गए. जिला मुख्यालय पर कांग्रेस कमेटी के कैंडल मार्च में जिला अध्यक्ष शिवराज मीणा, जिला प्रभारी और बसेड़ी विधायक संजय जाटव समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया.
खींचतान खुलकर आई सामने
यह कार्यक्रम जहां भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की सियासी आक्रामकता दिखाने का प्रयास था, वहीं गुटबाजी ने पार्टी की छवि को झटका देकर शहर में उसे चर्चा और आलोचना का विषय बना दिया. कैंडल मार्च सर्किट हाउस से शुरू होकर पुरानी कलेक्ट्री, डीजे कोर्ट होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर समाप्त हुआ, जहां भाजपा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की गई. इसी दौरान कांग्रेस के पदाधिकारियों की खींचतान खुलकर सामने आ गई.
शहर में चर्चा का विषय
जुलूस में दो गुट स्पष्ट रूप से अलग-अलग नजर आए. एक ओर हिंडौन विधायक अनीता जाटव और हुकुम बाई मीणा तो दूसरी ओर जिला प्रभारी संजय जाटव, पूर्व विधायक लाखन सिंह मीणा, जिला अध्यक्ष शिवराज सिंह समेत अन्य नेता. इसी दौरान प्रभारी संजय जाटव बीच कैंडल मार्च में नाराजगी जताते हुए कोर्ट परिसर के सामने निजी वाहन से लौट गए. जबकि शिवराज मीणा ने माहौल शांत कराने की कोशिश की. शहर में यह मामला चर्चा का विषय बन गया और राजनीतिक हलकों में कांग्रेस की एकजुटता पर सवाल उठने लगे है.
कैंडल मार्च के समापन पर कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाली डॉ. दीक्षा सिरोही को श्रद्धांजलि दी. महिला डॉक्टर की मौत को कांग्रेस नेताओं ने इसे दुखद क्षति बताते हुए दिवंगत के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की.
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