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Rajasthan Politics: 'जब पार्टी ने निकाला.. दौसा ने संभाला', राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का फिर छलका दर्द

Dausa Politics: दौसा में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, 'मेरे छोटे भाई जगमोहन मीणा के चुनाव हार जाने के बाद मैं पहली बार इतनी भीड़ में दौसा की जनता को देख रहा हूं. अगर मेरे साथ यह टीम नहीं लगी होती तो उपचुनाव में जमानत जब्त हो जाती.'

Rajasthan Politics: 'जब पार्टी ने निकाला.. दौसा ने संभाला', राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का फिर छलका दर्द
किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा में युवाओं के बीच जाकर बड़ा बयान दिया है.
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) का दौसा (Dausa) के साथ गहरा भावनात्मक जुड़ाव एक बार फिर सार्वजनिक मंच पर छलका उठा.  बुधवार देर शाम एक डेयरी प्रीमियम खेल प्रतियोगिता में युवाओं को संबोधित करते हुए, डॉ. मीणा ने अपने संबोधन में उस दौर का जिक्र किया, जब उन्हें उनकी पार्टी से निकाल दिया गया था.

उन्होंने भावुक होते हुए कहा, 'दौसा की जनता ने ऐसे समय में मुझ पर ऐसा एहसान किया था, जब मुझे पार्टी से निकाल दिया गया था. मेरी नैया डूबने वाली थी. तब दौसा की जनता ने मुझे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 1 लाख 46 हजार वोटों से जिताकर संसद में भेजा था, जिसके चलते सामने राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.' डॉ. मीणा ने इस जीत को देश भर में एक रिकॉर्ड बताया और कहा कि वह इस एहसान को कभी नहीं भूल सकते. 

'मेरे ऊपर सबसे ज्यादा युवाओं का हक'

मंत्री मीणा ने आगे कहा, 'मैं दौसा की युवा टीम का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिनके समर्थन से हालिया उपचुनाव में भाजपा की इज्जत बची रही. मेरे छोटे भाई जगमोहन मीणा के चुनाव हार जाने के बाद मैं पहली बार इतनी भीड़ में दौसा की जनता को देख रहा हूं. अगर मेरे साथ यह टीम नहीं लगी होती तो उपचुनाव में जमानत जब्त हो जाती. इस युवा टीम का ही परिणाम है कि हमारी इज्जत रह गई. मेरे ऊपर सबसे ज्यादा हक दौसा के युवाओं का है.

'लाल बहादुर शास्त्री से सीख लेनी चाहिए'

डॉ. मीणा ने युवाओं से पूछा कि क्या वे लाल बहादुर शास्त्री जैसा नेता बन सकते हैं? उन्होंने 'जय जवान, जय किसान' का नारा देने वाले शास्त्री की ईमानदारी और सादगी का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रहते हुए भी, जब लाल बहादुर शास्त्री का निधन हुआ, तो उनकी जेब में केवल 220 रुपये थे. उन्होंने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री रहते हुए भी एम्बेसडर कार बैंक से लोन पर ली थी, और उनके निधन के बाद उनकी मां को उस कार का बकाया लोन चुकाना पड़ा था. डॉ. मीणा ने युवाओं से आह्वान किया कि अगर राजनीति में आना है, तो शास्त्री जी जैसा ईमानदारी का मार्ग चुनें.

मजबूत और निर्णायक नेता बनने की सीख

इतना ही नहीं, मंत्री मीणा ने सरदार वल्लभभाई पटेल को अखंड भारत का निर्माता बताते हुए कहा कि देश की आजादी के समय देश में 543 रियासतें थीं और अगर पटेल नहीं होते तो देश को एक करना संभव नहीं होता. उन्होंने युवाओं से पटेल जैसा मजबूत और निर्णायक नेता बनने का आग्रह किया. डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने युवाओं को ईमानदार और सख्त अधिकारी बनने के लिए भी प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई युवा पुलिस अधिकारी (एसपी) बनता है, तो उस क्षेत्र के गुंडों और बदमाशों में भय होना चाहिए. उनका मुख्य लक्ष्य मां, बहन और बेटियों की इज्जत सुरक्षित रखना होना चाहिए.

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