Sawai Madhopur in Kota Division: रणथंभौर टाइगर सफारी के लिए पूरे देश में मशहूर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले को कोटा संभाग में शामिल करने की मांग फिर से उठी है. अभी यह जिला भरतपुर संभाग में है. लेकिन पहले कोटा संभाग में था. भरतपुर से सवाई माधोपुर की दूरी 200 किलोमीटर है. जबकि कोटा से सवाई माधोपुर की दूरी 130 किलोमीटर है.
किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री से की मांग
राजस्थान के कृषि सह आपदा मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर सवाई माधोपुर को कोटा संभाग में शामिल करने की मांग की है. पत्र में किरोड़ी लाल मीणा ने लिखा कि सवाई माधोपुर जिला वर्तमान में भरतपुर संभाग में आता है. जो 200 किलोमीटर दूर है.
सवाई माधोपुर को कोटा संभाग में जोड़ने के पीछे दिए ये तर्क
मंत्री ने पत्र में लिखा सवाई माधोपुर से भरतपुर आने-जाने के लिए सड़क मार्ग से पर्याप्त सुविधा नहीं है. सवाई माधोपुर को छोड़ जिले की अन्य तहसील मुख्यालयों का रेल मार्ग से भी जुड़ाव नहीं होने के कारण सवाई माधोपुर के लोगों का भरतपुर में संभागीय कार्य के लिए जाने में काफी परेशानी होती है.
कोटा से सवाई माधोपुर की दूरी मात्र 130 किमी
पत्र में किरोड़ी लाल मीणा ने आगे लिखा कि सवाई माधोपुर पहले कोटा संभाग में था. जिसकी दूरी मात्र 130 किलोमीटर थी. साथ ही कोटा से भरतपुर के लिए रेल और बस मार्ग से सीधा जुड़ाव है. संस्कृति के लिहाज से भी सवाई माधोपुर के लोग कोटा के ज्यादा करीब है.
सवाई माधोपुर को कोटा में शामिल करने के पीछे कई मांगें
ऐसे में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाई माधोपुर को भरतपुर संभाग से हटाकर कोटा संभाग में शामिल कराने की मांग की है. सवाई माधोपुर को भरतपुर संभाग से हटाकर कोटा संभाग में शामिल करने की मांग के पीछे कई वजहें हैं.
- सवाई माधोपुर और भरतपुर के बीच की दूरी काफ़ी ज़्यादा है. सवाई माधोपुर से भरतपुर जाने में काफ़ी समय लगता है, जिससे कार्यालयों की फ़ाइलों और कागज़ों को संभाग स्तर तक पहुंचाने में देरी होती है.
- सवाई माधोपुर में रणथंभौर अभयारण्य है, जिसकी वजह से यह जिला देश भर में अलग पहचान रखता है.
- विकास कार्यों के लिए बार-बार भरतपुर जाना पड़ता है.
- सवाई माधोपुर को संभाग का दर्जा मिलने से विकास कार्यों की गति बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकेगा.
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