Rajasthan News: टोंक जिले के समरावता गांव में एसडीएम अमित चौधरी के साथ नरेश मीणा के थप्पड़ कांड को लेकर राजस्थान में सियासत जारी है. कुछ लोग इस थप्पड़ कांड के बाद नरेश मीणा की गिरफ्तारी को सही ठहरा रहे हैं तो कुछ लोग नरेश मीणा की रिहाई की मांग कर रहे हैं. बीते दो दिन से राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में नरेश मीणा की रिहाई की मांग के लिए लोग सड़क पर उतरे हैं. नरेश मीणा के इस थप्पड़ कांड के बाद अब किरोड़ी लाल मीणा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे कांग्रेस पार्टी का हाथ था.
'वह चुनाव आयोग के अधिकारी थे'
किरोड़ी लाल ने आगे कहा कि जिस दिन रात में हिंसा हुई थी. उसके दूसरे दिन सुबह मैं वहां पर गया था. मैं उस दौरान दौसा का चुनाव देख रहा था, इसलिए रोज रात को मैं वहां पहुंच जाता था. मैंने वहां पहुंचने के बाद नुकसान का जायजा लिया. अगले दिन ही मैंने उन लोगों को गृहमंत्री से मिला दिया. रविवार को मैंने एक गांव के प्रतिनिधिमंडल को भी मुख्यमंत्री से भी मिला दिया. वहां जो हुआ वह बिल्कुल उचित नहीं था. वह चुनाव आयोग के अधिकारी थे. उनका काम शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराना था. कानून को हाथ में लेना किसी भी तरह से उचित नहीं है.
जातिगत झगड़ा करवाना चाहती थी कांग्रेस
आगे आईएएनएस से बातचीत में किरोड़ी लाल ने कहा, "मैं समरावता (घटना स्थल) घटना के पीछे कांग्रेस का हाथ मानता हूं. कांग्रेस जातिगत झगड़ा करवाना चाहती थी. राजस्थान को अशांत करने की प्लानिंग थी. कांग्रेस पार्टी कुर्सी की इतनी भूखी है कि वह कैसे भी करके प्रदेश को अशांत करके सरकार को बेवजह परेशान करना चाहती है. इसलिए इस घटना के पीछे मैं तो पूरी तरह कांग्रेस का ही हाथ मानता हूं.
कांग्रेस के कारण ही एक शांत क्षेत्र अशांत हो गया. उनियारा कभी अशांत नहीं रहा. लोगों ने कभी अफसरों का ऐसा अपमान नहीं किया. नरेश ने कांग्रेस से टिकट मांगा था. इस पर कुछ कांग्रेस के लोगों ने उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने की सलाह दी. ऐसा लगता है कि प्रदेश का माहौल बिगाड़ने में कांग्रेस का हाथ है. इस प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए.
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