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Rajasthan: लोन दिलाने के बहाने ₹3.17 करोड़ों की ठगी, किशनगढ़ में 'साइबर डॉन' सुमित परिहार गिरफ्तार

Kishangarh Cyber Fraud: लोन के झांसे में लोगों को फंसाकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाने और फिर करोड़ों का फ्रॉड करने वाले आरोपी को राजस्थान की किशनगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

Rajasthan: लोन दिलाने के बहाने ₹3.17 करोड़ों की ठगी, किशनगढ़ में 'साइबर डॉन' सुमित परिहार गिरफ्तार
किशनगढ़ पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले सुमित परिहार को गिरफ्तार कर लिया है.
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान पुलिस मुख्यालय जयपुर के निर्देश पर चल रहे साइबर फ्रॉड विरोधी विशेष अभियान के तहत गांधीनगर थाना पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने एक ऐसे साइबर ठग सुमित परिहार (27) को गिरफ्तार किया है जो लोगों को लोन दिलाने के नाम पर बैंक खाता किट हासिल कर करोड़ों की धोखाधड़ी कर रहा था. आरोपी से 12 चेकबुक, 4 पासबुक, 10 एटीएम कार्ड और 3 मोबाइल सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.

लोन दिलाने के बहाने कैसे की ठगी?

थाना अधिकारी संजय शर्मा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने तकनीकी जांच के आधार पर इस हाई-टेक फ्रॉड का पर्दाफाश किया. परिवादी दिपांशु बंसल निवासी किशनगढ़ ने रिपोर्ट दी थी कि आरोपी ने उसे बंधन बैंक से लोन दिलाने का झांसा देकर उसका आधार, पैन, दुकान का लाइसेंस और हस्ताक्षरित फार्म हासिल कर लिए. कुछ समय बाद उसके नाम पर बैंक खाता खुल गया, जिसकी पासबुक और चेकबुक आरोपी ने ले ली. बाद में पता चला कि उक्त खाते से विभिन्न राज्यों में ₹3.17 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ और खाते पर 31 साइबर शिकायतें दर्ज हैं.

फर्जी आधार कार्ड बनाकर नया नंबर लिया

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर दूसरा मोबाइल नंबर लिया और उसी से नेट-बैंकिंग के जरिए खाते का उपयोग किया. आरोपी ने अपने और दूसरों के नाम से दर्ज कई खातों में करोड़ों का लेन-देन किया है.

गांधीनगर थाने में पहले से 3 मामले दर्ज

सुमित परिहार पर पहले से ही गांधीनगर थाने में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें राजकार्य में बाधा, सरकारी संपत्ति को नुकसान और आर्म्स एक्ट के प्रकरण शामिल हैं. पुलिस अब उससे पूछताछ कर अन्य सहयोगियों और खातों की जांच कर रही है।

इस कार्रवाई में एएसपी दीपक शर्मा, एएसपी अजय सिंह राठौड़ के सुपरविजन में एसएचओ संजय शर्मा के साथ हेड कांस्टेबल गिरीराज, राजूराम गुर्जर, रामनिवास, सीताराम, सुरेंद्र सिंह, मोहनपुरी, हनुमान, राजेंद्र और सम्पत ने विशेष योगदान दिया.

पुलिस ने लोगों से की ये अपील

पुलिस का कहना है कि आरोपी से बरामद खातों की जांच जारी है और संभव है कि यह गिरोह कई राज्यों में साइबर ठगी की वारदातों में शामिल हो. राजस्थान पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति को लोन या इनकम बढ़ाने के नाम पर अपने बैंक दस्तावेज और खाते की जानकारी न सौंपें.

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