कोटा में NEET-JEE छात्रों का CBSE में डमी एडमिशन, कोर्ट ने लगाई अभिभावकों को फटकार... अब जांच करेगी SIT

राजस्थान में डमी एडमिशन सिस्टम पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख किया है. कोर्ट ने कोचिंग और स्कूलों की मिलीभगत से चल रहे इस खेल को शिक्षा पर धब्बा करार देते हुए कोर्ट ने SIT जांच और अचानक निरीक्षण के आदेश दिए हैं. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर.

Rajasthan News: राजस्थान के कई स्कूलों में डमी एडमिशन सिस्टम बना हुआ है. वहीं अब इसे हाईकोर्ट ने शिक्षा व्यवस्था पर धब्बा करार दिया है. कोटा के दो निजी स्कूलों की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस अनूप ढंढ़ ने यह तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने सीबीएसई, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राज्य सरकार को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर इस मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं.

कोचिंग और स्कूलों की मिलीभगत

हाईकोर्ट ने कहा कि कोचिंग संस्थान और स्कूल मिलकर डमी एडमिशन का खेल चला रहे हैं. कई स्कूल 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को डमी प्रवेश देते हैं. ये छात्र स्कूल के समय में कोचिंग सेंटरों में नीट और जेईई की तैयारी करते हैं. कोर्ट ने सरकार को स्कूलों और कोचिंग सेंटरों में अचानक निरीक्षण करने का निर्देश दिया. अगर कोई छात्र स्कूल में अनुपस्थित पाया जाता है और उसी समय कोचिंग में पढ़ रहा हो तो दोनों संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाए.

अभिभावकों को भी ठहराया जिम्मेदार

अदालत ने अभिभावकों को भी आड़े हाथों लिया. कोर्ट ने कहा कि माता-पिता की सहमति से ही यह गलत व्यवस्था चल रही है. शिक्षा अब केवल कमाई का जरिया बन गई है. हाईकोर्ट ने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों पर डॉक्टर या इंजीनियर बनने का दबाव न डालें. बच्चों को अपनी पसंद का करियर चुनने की आजादी मिलनी चाहिए. कोर्ट ने यह भी बताया कि नीट और जेईई की सीटें सीमित हैं, जबकि तैयारी करने वाले छात्रों की संख्या कहीं ज्यादा है.

जानें क्या है पूरा मामला

कोटा के एलबीएस कान्वेंट स्कूल और दी लॉर्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल में सीबीएसई के निरीक्षण में डमी छात्रों के प्रवेश और रिकॉर्ड में गड़बड़ी पाई गई थी. इसके चलते सीबीएसई ने दोनों स्कूलों की सीनियर सेकेंडरी मान्यता एक साल के लिए रद्द कर दी थी. इस फैसले के खिलाफ स्कूलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर यह सख्त रुख अपनाया गया.

Advertisement

यह भी पढ़ें- 3 साल तक सोशल मीडिया से दूर रहेगा, HC ने युवती का फोटो सोशल मीडिया पर डालने वाले को ज़मानत दी