Kota News: भीषण गर्मी का दौर जारी है. लोग मानसून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में कोचिंग नगरी कोटा में इन दिनों एक मुहिम की चर्चा जोरों पर है. कोटा के युवा मानसून सीजन में पेड़ लगाने की अनूठी पहल कर रहे हैं. इस मुहिम को 'तुम मुझे बीज दो, मैं तुम्हें हरियाली दूंगा' नाम दिया गया है. मुहिम के तहत युवाओं ने बीजों से 'बीज बम' बनाए हैं. अभियान के बारे में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक समाजसेवी डॉ. निधि प्रजापति ने बताया कि 21वीं सदी में ग्लेशियर पिघलना, समुद्र तटीय शहरों के किनारे बढ़ता जलस्तर, जलते जंगल, मवेशियों की मौत, असमय आंधी, तूफान, बाढ़, उफनती नदियां, अकाल, सूर्य का तापमान 50-55 डिग्री सेल्सियस छूना, ओजोन परत का क्षरण, अम्लीय वर्षा, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल प्रभाव के कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है.
तापमान में वृद्धि से जीवन हो रहा बुरी तरह से प्रभावित
हर महीने औसत तापमान में हो रही वृद्धि ने धरती पर जीवन को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है. अब तक प्रकाशित सभी वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 धरती का सबसे गर्म साल रहा है. इसका कारण यदि खोजा जाए तो मनुष्य ही मिलेगा. इंसान के जरिए किए गए अनियोजित तात्कालीन विकास, जंगलों व पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, खनिजों के लिए भारी मात्रा में खनन, शहरीकरण, औद्योगीकरण, औद्योगिक कचरा, शहरी क्षेत्रों में अर्बन हीट आइलैंड, कंक्रीट-शीशे से बने जंगल, ऊंची-ऊंची इमारतें, विकास के नाम पर सीसी और डामर की सड़कें, जिसके कारण धरती के तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि हुई. नीतू मेहता भटनागर ने बताया कि इस स्थिति में सवाल उठता है कि पर्यावरण का संतुलन कैसे बहाल किया जाए, इसे जानवरों व मनुष्यों के रहने लायक कैसे बनाया जाए और इन सबके लिए कौन जिम्मेदार होगा.
यह हैं अभियान
अभियान के तहत 500 से अधिक आम, नीम, इमली, बादाम, बेलपत्र, पपीता, जामुन, लीची, नींबू, चीकू, संतरा और मौसमी फलों के बीजों को मिट्टी में लपेटकर एकत्रित कर बीज बम बनाए गए हैं. जिस प्रकार किसी भी स्थान पर बम विस्फोट से विनाश होता है, उसी प्रकार तैयार बीज बमों से हरियाली उगेगी. इन बीज बमों को एक जुलाई के बाद वन महोत्सव के दौरान कोटा के देवली अरब रोड स्थित स्मृति वन में रखा जाएगा, ताकि कोटा के तापमान में भी कमी आए. इस दौरान वहां मौजूद प्रणाली गोयल, दृष्टि शर्मा, सीमा चौहान, हर्ष शर्मा, जयेश शर्मा, रेखा, वैभव मंधार, कृष्णा सहित बच्चों और उनके अभिभावकों ने भी उनकी मदद की तथा उन्हें बीज बोने की विधि और सही समय के बारे में भी बताया गया.
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