
Rajasthan News: राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड जिले में एक बहुत अनोखी घटना सामने आई है. जहां 75 वर्षीय पूर्व तहसीलदार ने यह साबित किया है कि उम्र केवल एक संख्या है. वह इसलिए क्योंकि जिले के राजकीय एलबीएस पी.जी. महाविद्यालय में इग्नू अध्ययन केंद्र पर आयोजित जून 2025 सत्र की परीक्षा में पूर्व तहसीलदार रामनिवास ने एम.ए. समाजशास्त्र की परीक्षा दी है. उनका यह जुनून हर उम्र के लोगों के लिए प्रेरणा है.
शिक्षा के प्रति समर्पण
इग्नू अध्ययन केंद्र के संयोजक डॉ. पी.सी. जाट ने बताया कि रामनिवास पहले भी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) से एम.ए. ज्योतिष शास्त्र और मानवाधिकार, पर्यावरण व शांति अध्ययन में डिप्लोमा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर चुके हैं. उनकी यह उपलब्धि दर्शाती है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती.
समाज सेवा में योगदान
पढ़ाई के साथ-साथ रामनिवास सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं. उन्होंने इग्नू से डिप्लोमा हासिल करने के बाद "एक कदम गांव की ओर" नाम से एक गैर-सरकारी संगठन शुरू किया. इस संगठन के जरिए वे ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण और आपसी समझ से विवादों का समाधान करने में जुटे हैं. उनका यह प्रयास गांवों में सकारात्मक बदलाव ला रहा है.
युवाओं के लिए प्रेरणा
रामनिवास की मेहनत और लगन युवाओं और बुजुर्गों, दोनों के लिए एक मिसाल है. उनकी यह कहानी हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है जो उम्र के बंधनों को तोड़कर कुछ नया करना चाहता है.यह खबर साबित करती है कि अगर मन में जज्बा हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं. रामनिवास यादव की यह उपलब्धि हर किसी को प्रेरित करने वाली है.
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