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This Article is From Mar 03, 2024

बीजेपी में टिकट कटने वाले नेताओं को गजेंद्र सिंह खींवसर का जवाब, 'आजीवन टिकट किसी को नहीं मिलता, यही लोकतंत्र है'

चूरू सांसद राहुल कस्वां का टिकट कटने के बाद उन्होंने दबी आवाज में नाराजगी जाहिर की है. इस पर गजेंद्र सिंह खींवसर ने टिकट कटने वाले नेताओं को नसीहत दी है.

बीजेपी में टिकट कटने वाले नेताओं को गजेंद्र सिंह खींवसर का जवाब, 'आजीवन टिकट किसी को नहीं मिलता, यही लोकतंत्र है'
गजेंद्र सिंह खींवसर

Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में 15 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवार के नाम के ऐलान (BJP Candidate List) के बाद कुछ सीटों पर विरोध भी शुरू हो गया. कुछ सीटिंग सांसद खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन वह आलाकमान के फैसलों से नाराज जरूर दिख रहे हैं. वहीं कई जगहों पर कार्यकर्ता भी विरोध जता रहे हैं. बीजेपी ने जो 15 सीटों पर उम्मीदवार तय किये हैं इसमें से 7 नए चेहरे शामिल है और 5 सीटों पर वर्तमान सांसदों के टिकट काट लिया गया है. इसमें चूरू सीट पर भी वर्तमान सांसद राहुल कस्वां का टिकट काट लिया गया है. इससे वह नाराज दिख रहे हैं लेकिन वह इसका सीधा विरोध नहीं जता रहे हैं. वहीं, उनके विरोध पर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने टिकट कटने वाले नेताओं को जवाब दिया है.

राहुल कस्वां ने अपने एक्स पर पोस्ट लिखा है. उन्होंने लिखा, राम-राम मेरे चूरू लोकसभा परिवार, लेकर विश्वास-पाकर आपका साथ, देकर हर संकट को मात, ध्येय मार्ग पर बढ़ते जाएंगे, उत्थानों के शिखर चढ़ते जाएंगे. आप सभी संयम रखें. आगामी कुछ दिन बाद आपके बीच उपस्थित रहूंगा, जिसकी सूचना आपको दे दी जाएगी.

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गजेंद्र सिंह खींवसर ने दिया जवाब

गजेंद्र सिंह खींवसर से जब टिकट कटने के बाद नेताओं के विरोध के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, किसी को भी आजीवन टिकट नहीं दिया जा सकता है. किसी को टिकट मिलता है तो किसी का टिकट कटता ही है. यह लोकतंत्र है और टिकट ऐसे तय नहीं होती है. इसके लिए सर्वे होता है. उन्होंने राहुल कस्वां से कहा कि उन्हें विरोध नहीं करना चाहिए. उन्हें कई बार मौका मिला है. वह सांसद बने हैं. लेकिन यह पार्टी की देन है कि वह बीजेपी से जुड़े और उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला है. अगर पार्टी नहीं करती तो उन्हें कुछ नहीं मिलता. 

खींवसर ने कहा कि पार्टी सर्वे के आधार पर टिकट देना और काटना तय करती है. वहीं जब ज्योति मिर्धा के विधानसभा हारने के बाद लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए गए हैं तो इस पर उन्होंने जवाब दिया कि यह कोई पैमाना नहीं होता है. कौन व्यक्ति विधानसभा में हार गया तो उसे टिकट नहीं दिया जाए या फिर लोकसभा में हार गया तो उसे टिकट नहीं दिया जाए. यह तो सर्वे रिपोर्ट पर पार्टी निर्णय लेती है. यह हर नेता और कार्यकर्ता के लिए मान्य है हम सब केवल पार्टी के सिपाही हैं.

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