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This Article is From Apr 02, 2024

Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने खोली अपनी ही पार्टी की पोल! बोले- 'मुसलमान भी हुए कांग्रेस से नाराज'

Lok Sabha Elections 2024: अमीन खान बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रहे हैं और प्रदेश में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. अमीन खान का बाड़मेर जैसलमेर की राजनीति में खास वर्चस्व है.

Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने खोली अपनी ही पार्टी की पोल! बोले- 'मुसलमान भी हुए कांग्रेस से नाराज'
राजस्थान सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता अमीन खान.

Rajasthan News: बाड़मेर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री अमीन खान (Amin Khan) ने सोमवार को चुनावी सभा में भाषण के दौरान भाजपा (BJP) के साथ-साथ अपनी ही पार्टी कांग्रेस (Congress) पर भी नाराजगी जताई है. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि मुसलमान हमेशा से कांग्रेस के वफादार रहे, लेकिन कांग्रेस ने मुसलमान के हक के लिए कभी आवाज नहीं उठाई, जिसके चलते देश में मुसलमान की स्थिति दलितों से भी खराब है. अमीन खान यही नहीं रुके. उन्होंने विधानसभा चुनाव में उनके खिलाफ चुनाव लड़े पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष फतेह खान पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हराने वाले कांग्रेस के ही लोग हैं. यदि कांग्रेस के लोग एक हो जाएं और सच्चे मन से कांग्रेस के लिए कम करें तो कांग्रेस को कोई हारने वाला नहीं है.

क्या पूरा मामला?

दरअसल, सोमवार को बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदा राम बेनीवाल के नामांकन एवं जनसभा को लेकर लोकसभा सीट की हर विधानसभा मुख्यालय पर कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन करवाया जा रहा है. इसी के तहत सोमवार को शिव विधानसभा में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन करवाया गया था. इस दौरान मंच से पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक अमीन खान ने कहा कि कोई माने या ना माने, लेकिन आज मुसलमानों की स्थिति हरिजनों यानी दलितों से भी खराब हो चुकी है. देश में 16% दलित हैं तो 16% मुसलमान भी हैं, लेकिन आज सरकारी नौकरियों की बात करें तो दलितों के 8 हजार सरकारी कर्मचारी हैं, लेकिन मुसलमान के 200 भी नहीं है. यह मुसलमान के साथ अन्याय है.

'मुसलमान भी कांग्रेस से नाराज'

अमीन खान ने कुछ दिन पहले देश में लागू किए गए कानून को लेकर मोदी सरकार और कांग्रेस पर नाराजगी जताई. खान ने कहा कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया है. यह कानून मुसलमान के खिलाफ है लेकिन इस कानून के खिलाफ कांग्रेस की एक भी सांसद ने विरोध नहीं जताया है. इसलिए मुसलमान भी कांग्रेस से नाराज है.

'सेक्युलरिज्म की सिर्फ बाते हैं'

अमीन खान ने कहा कि देश में सेक्युलरिज्म और बराबरी की सिर्फ बातें की जाती हैं. केंद्र सरकार ने देश में एक कानून लागू किया है. इस कानून में अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश से किसी भी धर्म का व्यक्ति भारत आएगा तो उसे नागरिकता मिलेगी. लेकिन अगर मुसलमान आएगा तो उसे नागरिकता नहीं दी जाएगी. यह कैसी बराबरी है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों की मुस्लिम आबादी को भारत में बसने से रोकना है. लेकिन किसी मुसलमान आदमी ने इन देशों में शादी कर ली, उसे औरत की नागरिकता तो मत रोको. अमीन खान ने कहा कि उसके पड़ोसी गांव में एक व्यक्ति ने पाकिस्तान की महिला से शादी कर ली. शादी को 24 साल बीत गए. तीन बच्चे भी हैं. लेकिन उसे महिला को अभी तक नागरिकता नहीं मिली और यह कानून लागू होने के बाद उसे नागरिकता मिलेगी भी नहीं. ऐसे में उसे वापस लौटना पड़ेगा. ऐसे कई उदाहरण बाड़मेर जैसलमेर के सीमावर्ती गांव में भारी पड़े हैं. इस कानून के लागू होने से इसका सीधा असर इन पर पड़ेगा.

कांग्रेस नेताओं पर साधा निशाना

आपको बता दें कि अमीन खान बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रहे हैं और प्रदेश में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. अमीन खान का बाड़मेर जैसलमेर की राजनीति में खास वर्चस्व है. 2023 की विधानसभा चुनाव में अमीन खान शिव से कांग्रेस की टिकट लाने में कामयाब रहे थे. इसके बाद इस सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे कांग्रेस जिला अध्यक्ष फतेह खान ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इसके बाद अमीन खान लगातार किसी भी मंच से फतेह खान पर जुबानी हमले का मौका नहीं चूक रहे हैं. फतेह खान को कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में वापसी कराई गई है. लेकिन वापसी से पहले अमीन खान ने जमकर नाराजगी जताई थी. लेकिन उनकी नाराजगी को नजरअंदाज कर फतेह खान को कांग्रेस में शामिल कर लिया गया है. जिसको लेकर सोमवार को अमीन खान ने अपनी ही पार्टी को घूरते हुए कहा कि प्रदेश में 40 से ज्यादा कांग्रेस कमेटी है, लेकिन किसी भी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने पार्टी के उम्मीदवार के विरुद्ध निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ा. बाड़मेर के जिला अध्यक्ष ने चुनाव लड़ा और पार्टी को हराने का काम किया और पार्टी ने फिर भी उसे वापस पार्टी में ले लिया, यह गलत बात है. तो वही आदमी इस लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

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