Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान करना पुण्य माना जाता है. सूर्य को जल देना शुभ माना जता है. इस बार प्रयागराज में महाकुंभ लगा रहा है. महाकुंभ का आज पहला अमृत स्नान भी है. अगर आप संगम में डुबकी नहीं लगा पाए तो घर पर भी स्नान कर सकते हैं. घर पर ही नहाने वाले पानी में गंगाजल और तिल डालकर नहा लें. नहाने के बाद साफ वस्त्र धारण करें. तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, लाल फूल, अक्षत डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. अर्घ्य देते समय ‘ऊँ सूर्याय नम:' मंत्र का जाप करें. घी का दीपक से आरती करें. सूर्य चालीसा, आदित्य स्त्रोत का पाठ करें. भगवान सूर्य से सुख-समृद्धि की कामना करें.
जानें कब तक रहेगा पुण्यकाल
मकर संक्रांति पुण्यकाल सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक रहेगा. 8 घंटे 42 मिनट तक शुभ समय रहेगा. मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 9:03 बजे से 10:48 बजे तक रहेगा. एक घंटा 45 मिनट तक अवधि रहेगा. राहुकाल का समय दोपहर 03 बजकर 08 मिनट से दोपहर 04 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.
मकर संक्रांति पर अन्न का करें दान
मकर संक्रांति पर लोग अन्न का दान करते हैं. तिल, गुड़ और अनाज दान में देते हैं. ऐसी मान्यता है कि अनाज दान करने से देवी मां अन्नपूर्णा जी खुश होती हैं. मकर संक्रांति पर अनाज दान करने से हमेश अन्न और धन के भंडार भरे रहते हैं. मां अन्नपूर्णा की कृपा मिलती है. खिचड़ी का भी लोग दान करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे सूर्य की स्थिति मजबूत होती है.
काले तिल का दान शुभ माना जाता है
मकर संक्रांति पर काले तिल का दान करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि तिल का दान करने से सूर्य देव और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. संतान और सुख की प्राप्ति होती है. गरीबों को वस्त्र दान भी करना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी खुश होती है. सुख-समृद्धि होती है.
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