Tonk News: टोंक जिले के समरावता गांव में देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान मतदान के बाद हुई हिंसा और आगजनी की जांच के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य निरुपम चकमा सोमवार को अपनी टीम के साथ दो दिवसीय दौरे पर टोंक पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर समरावता प्रकरण पर बयान दर्ज किए.
इसके बाद मीडिया से बातचीत में निरुपम चकमा ने कहा कि समरावता में हुई इस बड़ी घटना को रोका जा सकता था और यह भी जांच की जाएगी कि इसमें किसी बाहरी साजिश का हाथ तो नहीं है.
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को की गई थी शिकायत
देवली-उनियारा उपचुनाव के मतदान के दौरान टोंक के समरावता मतदान केंद्र पर थप्पड़ कांड के बाद गांव में हिंसा, आगजनी, उपद्रव और लाठीचार्ज की घटनाएं हुई थीं. इन घटनाओं के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को की गई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आयोग के सदस्य निरुपम चकमा ने जिला पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों से समरावता प्रकरण की पूरी रिपोर्ट ली.
आज समरावता गांव का दौरा करेगी टीम
निरुपम चकमा ने बताया कि आयोग की टीम मंगलवार, 14 जनवरी को समरावता गांव का दौरा करेगी. वहां ग्रामीणों के बयान लिए जाएंगे और प्रकरण से जुड़े तथ्यों की पुष्टि की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को जो भी शिकायतें मिली हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और निष्पक्षता के साथ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.
आयोग का मकसद पूरे मामले में निष्पक्ष निष्कर्ष देना है
जिला परिषद सभागार में हुई बैठक के दौरान आयोग ने प्रकरण से जुड़े कई वीडियो फुटेज भी देखे और घटनाक्रम की गहन समीक्षा की. मीडियाकर्मियों से बातचीत में निरुपम चकमा ने कहा कि आयोग का उद्देश्य पूरे मामले में निष्पक्ष विचार और निष्कर्ष देना है. उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि समरावता में यह घटना क्यों घटी और इसके पीछे के कारणों की तह तक जाने का प्रयास किया जा रहा है.
14 नवंबर को नरेश मीणा की हुई थी गिरफ्तारी
समरावता गांव में 13 नवंबर को देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान मतदान का ग्रामीणों द्वारा बहिष्कार किया गया और उसी दौरान तीन वोट डाले जाने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था. इससे पहले ग्रामीणों ने विभिन्न मांगों को लेकर वोटिंग का बहिष्कार शुरू किया था और काफी हंगामा हुआ था. इसी दौरान थप्पड़ कांड हुआ और एसडीएम को थप्पड़ मारने का मामला तूल पकड़ गया और नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया.
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