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Kota Student Suicide: कोटा में MBBS के स्टूडेंट ने हॉस्टल में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा, 'मैं सपना पूरा नहीं कर पाया'

MBBS Student Suicide in Kota: गुरुवार सुबह मृतक छात्र का शव हॉस्टल के कमरे में फांसी के फंदे से लटकता हुआ मिला है. पुलिस अधिकारियों ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवा दिया है.

Kota Student Suicide: कोटा में MBBS के स्टूडेंट ने हॉस्टल में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा, 'मैं सपना पूरा नहीं कर पाया'
सांकेतिक तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान के कोटा शहर में गुरुवार सुबह MBBS की पढ़ाई कर रहे एक 28 वर्षीय छात्र ने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक स्टूडेंट सुनील बैरवा, कोटा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई है और शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवा दिया है. साथ ही मृतक छात्र के परिजनों को भी घटना की सूचना देकर कोटा बुलाया गया है. उनके यहां पहुंचने के बाद परिजनों की सहमति से मृतक छात्र का पोस्टमार्टम किया जाएगा और फिर शव उसके माता-पिता को सौंप दिया जाएगा.

पुलिस को मिला सुसाइड नोट

पुलिस को उसके कमरे से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि वह माता-पिता का सपना पूरा नहीं कर पा रहा है, इसलिए उनसे माफी मांग रहा है. महावीर नगर सीआई रमेश कविया के अनुसार, बस्सी का रहने वाला 28 साल का सुनील बैरवा कोटा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कर रहा था. वह हॉस्टल तीन में रहता था. उसने खुद को कमरे में बंद कर कर फांसी लगा ली. जब वह बुधवार को भी दिखाई नहीं दिया तो रात को उसके साथ हॉस्टल में रहने वाले लड़कों ने उसके कमरे में देखा तो वह फंदे पर लटका मिला. महावीर नगर पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतरकर मोर्चरी में रखवा दिया. 

दोस्त ने कॉलेज प्रशासन पर लगाए आरोप

इस पूरे मामले में मृतक छात्रा के साथी दोस्त ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसने कहा है कि कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्र सुनील बैरवा को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जा रहा था, जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में चल रहा था. अभी कुछ दिन पहले भी उसने कॉलेज प्रबंधन से बातचीत कर परीक्षा में बैठाए जाने की गुहार लगाई थी. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे उसकी मानसिक संतुलन भी खराब हो रहा था. वह मनोचिकित्सा की सलाह पर दवाइयां भी ले रहा था. मृतक छात्र के दोस्त डॉ कमल, जो बस्सी के ही रहने वाले हैं, उन्होंने मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर छात्रों के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया है. 

'डेढ़ साल पहले नकल करने में आया था नाम'

वहीं इस पूरे मामले में मृतक छात्र के पिता कजोड़ मल का कहना है कि करीब डेढ़ साल पहले उनके बेटे का चीटिंग के मामले में नाम आया था. उसके बाद से ही कॉलेज प्रशासन की ओर से उसको डेढ़ साल के लिए डिटेन भी किया गया था, लेकिन उसके बाद सब कुछ सामान्य होने पर भी उनके बेटे को कॉलेज प्रशासन ने परीक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया, जिसके चलते वह लगातार परेशान हो रहा था. मृतक छात्रा के पिता ने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. 

'मुझे कभी किसी ने शिकायत नहीं की'

इन आरोपों को लेकर जब मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर संगीता सक्सेना से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि स्टूडेंट को प्रताड़ित करने की मुझे कभी किसी ने शिकायत नहीं की.

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