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संसद भवन की तर्ज़ पर बना आधुनिक विद्यालय, 22 दिसंबर को सीएम भजनलाल करेंगे उद्घाटन

डॉ. अशोक जैन ने बताया कि उन्होंने 1982-83 में इसी विद्यालय से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी. करीब दो वर्ष पूर्व जब वे गांव आए और स्कूल भवन की जर्जर स्थिति देखी, तो उसी समय नया और आधुनिक विद्यालय बनाने का संकल्प लिया.

संसद भवन की तर्ज़ पर बना आधुनिक विद्यालय, 22 दिसंबर को सीएम भजनलाल करेंगे उद्घाटन

Rajasthan News: जालौर के सायला उपखंड के दादाल गांव में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पहल सामने आई है. गांव के जैन परिवार में जन्मे और वर्तमान में अमेरिका में रह रहे डॉ. अशोक कुमार जैन ने अपने स्वर्गीय माता-पिता की स्मृति में गांव के बच्चों के लिए संसद भवन की तर्ज़ पर बना भव्य व आधुनिक विद्यालय तैयार करवाया है. लगभग 7 करोड़ रुपये की लागत से बने इस विद्यालय का उद्घाटन 21 और 22 दिसंबर को होगा.

22 दिसंबर को मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन

विद्यालय के उद्घाटन समारोह में राजस्थान भर से वीवीआईपी और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे. 22 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विद्यालय का विधिवत उद्घाटन करेंगे. इससे पहले 21 दिसंबर को भजन संध्या व राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

जिस स्कूल में पढ़ा उसे ही संवारा

डॉ. अशोक जैन ने बताया कि उन्होंने 1982-83 में इसी विद्यालय से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी. करीब दो वर्ष पूर्व जब वे गांव आए और स्कूल भवन की जर्जर स्थिति देखी, तो उसी समय नया और आधुनिक विद्यालय बनाने का संकल्प लिया. आज वही सपना साकार होकर गांव के बच्चों को सुरक्षित, सुविधायुक्त और प्रेरक शैक्षणिक वातावरण दे रहा है.

आधुनिक शिक्षा के साथ कौशल विकास

नए विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक के लिए 22 आधुनिक कक्ष बनाए गए हैं. विद्यालय में विज्ञान एवं कंप्यूटर की दो प्रयोगशालाएं, कौशल विकास प्रशिक्षण: इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग, गारमेंट, माइक्रो इरिगेशन व कंप्यूटर, खेल सुविधाएं: वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, फुटबॉल, क्रिकेट, कबड्डी, एथलेटिक्स और खेल मैदान व बच्चों के लिए उपयोगी झूले लगे हैं.

माता-पिता के सपने को किया साकार

डॉ. जैन ने कहा कि उनके माता-पिता की इच्छा थी कि गांव में शिक्षा का एक भव्य मंदिर बने. उसी भावना से उन्होंने यह संसदनुमा विद्यालय बनवाया. इससे पहले वे अपने पिता की स्मृति में बेंगलुरु में एक बड़ा अस्पताल भी बनवा चुके हैं.

भामाशाही की परंपरा का उदाहरण

राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि राजस्थान की धरती भामाशाहों की भूमि रही है. जालौर जिले के कई गांव प्रवासी और स्थानीय दानदाताओं के सहयोग से हाईटेक विद्यालयों की मिसाल बन रहे हैं. दादाल गांव में बना यह संसदनुमा विद्यालय समाज की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का बेहतरीन उदाहरण है.

डॉ अशोक कुमार उनकी माता-पिता का बच्चों के प्रति अच्छा समय व प्रेम भाव था उसी को बच्चों की भावनाओं को समझते हुए भावनाओं की अनुकूलता को देखते हुए शिक्षा को एक बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया गया है अशोक कुमार ने यह भी बताया कि गांव में बच्चे टैलेंट वाले बच्चे और मुकाम हासिल करने वाले और अपने बढ़ते कदमों को छूने वाले बच्चे भी हैं लेकिन अच्छी शिक्षा नहीं मिलती थी इस सपने को साकार किया.

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