
Rajasthan News: राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू में करीब 9 साल पहले सामने आए चर्चित हनीट्रैप (Mount Abu Honey Trap) मामले में मंगलवार को कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. एसीजेएम कोर्ट माउंट आबू के जज श्याम सुंदर शर्मा ने इस केस में 5 आरोपियों को 3 से 6 साल की सजा सुनाई है. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. इस केस में एक आरोपी को बरी कर दिया गया, जबकि माउंट आबू के तत्कालीन थानाधिकारी रामचंद्र सिंह की मृत्यु हो जाने के कारण उनके खिलाफ मामला समाप्त कर दिया गया है.
होटल कारोबारी को महिला के जरिए फंसाया
पूरा मामला 2016 का है, जब माउंट आबू में होटल व्यवसायी विकास अग्रवाल को एक महिला के जरिए होटल में बुलाकर उसे रेप केस में फंसाने की साजिश रची गई. इसके पीछे एक संगठित गैंग था, जिसमें जोधपुर और आसपास के इलाकों के लोग शामिल थे. पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि माउंट आबू थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी रामचंद्र सिंह भी इस गैंग का हिस्सा थे. गैंग ने विकास अग्रवाल से 2 करोड़ की मांग की थी, जिनमें से 30 लाख रुपये वसूल भी लिए गए थे.
इन आरोपियों को हुई सजा
सजा पाने वालों में जोधपुर निवासी मोइनुल हक, शिवानी, गोविंद उर्फ गोविंद पाल, गोपाल सिंह और गोविंद सिंह शामिल हैं. इन सभी पर कोर्ट ने IPC की अलग-अलग धाराओं के तहत 3 से 6 साल की सजा और आर्थिक जुर्माना लगाया है.
इसलिए रहा केस चर्चा में
इस केस ने पूरे राजस्थान में हलचल मचा दी थी, क्योंकि इसमें पुलिस महकमे के एक जिम्मेदार अधिकारी की संलिप्तता सामने आई थी. तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक प्रीति कांकाणी की जांच ने केस को नई दिशा दी थी. उन्होंने माउंट आबू की गली-गली के सीसीटीवी खंगाले और एक-एक लिंक को जोड़ा. सरकार की तरफ से एपीपी सीमा शर्मा ने मजबूत पैरवी की, जिनकी दलीलों से कोर्ट ने सहमति जताई.
'आज न्याय मिला है'
एपीपी सीमा शर्मा ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा, 'हमारे लिए ये केस सिर्फ एक साजिश नहीं था, ये सिस्टम को गंदा करने की कोशिश थी. हमने पूरी सच्चाई कोर्ट के सामने रखी और आज न्याय मिला है.'
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