
Rajasthan: समरावता कांड पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने DGP उत्कल रंजन साहू, टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा के साथ एसपी को नोटिस जारी किया है. लेकिन, एक बड़ी चूक कहें या लापरवाही पुलिस अधीक्षक (SP) के नाम में प्रीति जैन लिखा गया है. जबकि, विकास सांगवान पुलिस अधीक्षक हैं. प्रीति जैन वर्तमान में सेंट्रल में डेपुटेशन पर हैं. प्रीति जैन 2016 में टोंक एसपी थीं. 4 दिसंबर को नोटिस जारी किया है. 3 दिन में जवाब देने के निर्देश दिए.
समरावता कांड पर दायर किया था याचिका
समरावता कांड पर मदन मोहन राजोर, प्रदेश प्रभारी राजस्थान भारतीय किसान यूनियन, रामकेश मीणा प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान आदिवासी सेवा संघ, महेन्द्र मीणा, समस्त आदिवासी मीणा अधिवक्ता संघ जयपुर, केसी घुमरिया, प्रदेश अध्यक्ष,अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद जयपुर और गोविंद सिंह सोमवत महासचिव अनुसूचित जनजाति संयुक्त संस्थान ने याचिका दायर किया है.

समरावता गांव में 13 नवंबर को हुई थी हिंसा
टोंक जिले के देवली-उनियारा में मतदान के दिन 13 नवंबर को निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार चौधरी (मालपुरा एसडीएम) को थप्पड़ मार दिया था. नरेश मीणा ने थप्पड़ कांड के बाद आरोप लगाया था कि गांव वाले अपनी मांगों को लेकर मतदान का बहिष्कार कर रहे थे. लेकिन, ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित तीन मतदाताओं से जबरन वोट डलवा दिए. मतदान खत्म होने के बाद पुलिस नरेश मीणा को गिरफ्तार करने गई तो गांव में आगजनी और हिंसा हुई थी, जिसमें दो पुलिस के वाहन सहित कुल 9 चार पहिया वाहन और बाइके जला दी गईं. लोगों के घरों में भी नुकसान हुआ था.
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