
राजस्थान के धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी और करौली में शुक्रवार रात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 धर्मशालाओं पर सर्च अभियान चलाया. यह कार्रवाई कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ी गैंग की गतिविधियों की जांच के तहत की गई. रात करीब 8 बजे शुरू हुई, यह कार्रवाई साढ़े 3 घंटे तक चली, जिसमें NIA टीम ने धर्मशालाओं के यात्री पंजीयन रजिस्टर खंगाले और जरूरी साक्ष्य जुटाए.
एनआईए ने साक्ष्य जुटाए
सहरिया यात्री सेवा केंद्र करौली और काका ई-मित्र आशा गेस्ट हाउस सहित एक अन्य गेस्ट हाउस में एनआईए की टीम ने यात्री पंजीयन रजिस्टर से साक्ष्य लिए है. काका ई-मित्र पर एनआईए की टीम ने जांच की. आरोपित ने पैसे ट्रांजैक्शन करवाए थे, जिसके साक्ष्य जुटाकर साथ ले गई है.
धार्मिक स्थलों पर छिपा रहा आरोपी
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने हाल ही में लॉरेंस गैंग के एक सदस्य को जबरन वसूली, धमकी और हथियार तस्करी के मामले में डिटेन किया था. पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि वह बदमाश गिरफ्तारी से बचने के लिए धार्मिक स्थलों पर छिपता रहा, जिनमें मथुरा-वृंदावन, मेहंदीपुर बालाजी और करौली शामिल हैं. इसी आधार पर NIA ने संभावित ठिकानों पर छापेमारी की.
धर्मशाला संचालकों में खलबली रही
टीम की अगुवाई एनआईए के डीएसपी रामगोपाल शर्मा कर रहे थे. इस कार्रवाई को लेकर धर्मशाला संचालकों में खलबली मच गई और श्रद्धालु भी असमंजस में दिखे. मेहंदीपुर बालाजी थाना प्रभारी गौरव प्रधान ने बताया कि यह मामला दिल्ली से जुड़ा है और NIA ने लोकल पुलिस को कार्रवाई की पूर्व सूचना नहीं दी. NIA टीम को क्या साक्ष्य हाथ लगे, इसकी जानकारी साझा नहीं की गई है.
सर्च के बाद रात में चली गई टीम
सर्च ऑपरेशन के बाद टीम शुक्रवार रात 11.30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गई. माना जा रहा है कि NIA को लॉरेंस गिरोह की गतिविधियों से जुड़ी अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. यह कार्रवाई राज्य में अपराधियों की धार्मिक स्थलों पर छिपने की रणनीति को लेकर भी कई सवाल खड़े कर रही है.
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