
Cricket: भारत के युवा क्रिकेटर रियान पराग ने क्रिकेट में फिटनेस की अहमियत और इसको लेकर अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता पर बात की. उन्होंने कहा कि एक क्रिकेटर के रूप में फिटनेस बनाए रखना उनके लिए साल भर की प्रतिबद्धता बन गई है, क्योंकि इससे वह कड़ी प्रतिद्वंदिता के बीच खुद को बनाए रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि बतौर क्रिकेटर कोई ऑफ-डे नहीं होता है.
"कोई ऑफ-सीजन नहीं होता"
एक इवेंट के दौरान आईएएनएस से बात करते हुए रियान पराग ने कहा, "आपको यह पूरे साल करना होता है. कोई ऑफ-सीजन नहीं होता, कम से कम शरीर के लिए तो कोई ऑफ-डे नहीं होता. मुझे पता है कि क्रिकेट के जरिए हमें ऑफ-सीजन मिलता है, जहां हमारे पास टूर्नामेंट और मैच नहीं होते. " उन्होंने कहा कि क्रिकेट नहीं होने के बाद भी अगर आप 365 दिन ट्रेनिंग करते हैं, अपने शरीर पर नियंत्रण रखते हैं, अच्छा खाते हैं, तो मुझे लगता है कि आपको इसका फायदा मिलता है और आप खुद को उन सभी फार्मेट में हमेशा बनाए रखते हैं, जिनमें आपको खेलना होता है.
रियान 11 साल की उम्र से फिटनेस पर सजग
रियान 11 साल की उम्र से ही फिटनेस को लेकर सजग रहे हैं. फिटनेस की वजह से ही उन्हें 2018 में खेले गए अंडर-19 विश्व कप, असम की कप्तानी, राजस्थान रॉयल्स की टीम में जगह और कप्तानी, भारतीय क्रिकेट टीम के लिए डेब्यू करने वाले असम के पहले खिलाड़ी होने की उपलब्धि वह प्राप्त कर सके हैं.
रियान पराग बोले- मैं एक पेशेवर एथलीट हूं
रियान पराग ने कहा कि मुझे लगता है कि फिटनेस अहम भूमिका निभाती है. मैं एक पेशेवर एथलीट हूं. लेकिन, हर किसी के लिए, उनके दैनिक जीवन में, मुझे लगता है कि फिटनेस एक बड़ा प्लस फैक्टर है जो आपके जीवन में हो सकता है. मेरे लिए, इसकी शुरुआत तब हुई जब मैं 11 साल का था. मुझे पता था कि अगर मैं अपने काम में अच्छा बनना चाहता हूं और अगर मैं चाहता हूं कि मेरा शरीर मुझे अपने काम में अच्छा बनने दे, तो मुझे अपनी बुनियादी बातों को सही करना होगा.
"आपको हमेशा ट्रेनिंग करनी होगी"
युवा क्रिकेटर ने कहा कि फिटनेस सही रहने पर प्रतिस्पर्धी खिलाड़ियों के मुकाबले ज्यादा अहमियत मिलती है. अभी, जिस तरह से युवा क्रिकेटर आगे बढ़ रहे हैं, मुझे लगता है कि हर कोई अपनी फिटनेस पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, इसलिए हर किसी के पास वह बढ़त है. अगर आप थोड़ा अलग दिखना चाहते हैं, तो आपको हमेशा ट्रेनिंग करनी होगी. मैच के दिनों और खाली समय में फिटनेस पर काम करने के संबंध में रियान ने कहा, मैच न होने की स्थिति में बहुत ज्यादा प्रशिक्षण की जरूरत होती है. मैच फिटनेस और बाहरी जिंदगी की फिटनेस में अंतर होता है.
"2 किलोमीटर दौड़ें और फिर मैच खेलने जाएं"
उन्होंने कहा, "अगर कोई चाहता है कि आप सुबह 5 बजे उठें, 2 किलोमीटर दौड़ें और फिर कोई मैच खेलने जाएं, तो मुझे लगता है कि एक पेशेवर एथलीट के तौर पर आपको ऐसा करने में सक्षम होना चाहिए. इसके लिए प्रशिक्षण जरूरी है. " पिछले सीजन आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की कुछ मैचों में कप्तानी करने वाले पराग ने कहा कि फिटनेस के प्रति सजग होने के बावजूद मैं अपने खान-पान को लेकर बहुत सख्त नहीं हूं. मुझे बहुत सारा खाना पसंद है. लेकिन जब सीजन होता है, तो मैं इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग करना पसंद करता हूं. मैं एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखता हूं.
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