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Bikaner: अब नहीं होगी शराब में मिलावट, श्रीगंगानगर शुगर मिल में लगाई गई पहली ऑटोमैटिक फिलिंग मशीन

बीकानेर के जिला आबकारी अधिकारी मोहनराम पूनिया का कहना है कि बीकानेर में लगी प्रदेश की पहली ऑटोमैटिक फिलिंग मशीन से ग्राहकों को शिकायतें दूर होने लगी हैं. इसके अलावा सरकार के भी रोजाना 16500 रुपए की बचत हो रही है.

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Bikaner: अब नहीं होगी शराब में मिलावट, श्रीगंगानगर शुगर मिल में लगाई गई पहली ऑटोमैटिक फिलिंग मशीन
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान की पहली ऑटोमैटिक फिलिंग मशीन बीकानेर में श्रीगंगानगर शुगर मिल के खारा स्थित प्लांट में लगाई गई है. इस मशीन से पव्वों की आधुनिक तरीके से पैकिंग होगी, जिससे मिलावटी और नकली देशी शराब का अंदेशा खत्म हो जाएगा. श्रीगंगानगर शुगर मिल में तैयार देशी शराब के करीब 10 हजार से ज्यादा पव्वों की रोजाना सप्लाई बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों में की जाती है. हालांकि ये ग्राहकों की डिमांड का 30 प्रतिशत ही है. बाकी 70 प्रतिशत की सप्लाई प्राइवेट कम्पनियां करती हैं. 

श्रीगंगानगर शुगर मिल की देशी शराब और उसकी पैकिंग को लेकर ग्राहकों की ओर से हमेशा शिकायत रहती है. इनमें सबसे बड़ी शिकायत नकली और मिलावटी शराब की होती है. इसे दूर करने और पैकिंग को आकर्षक बनाने के लिए श्रीगंगानगर के खारा स्थित श्रीगंगानगर शुगर मिल में सवा करोड़ रुपयों की लागत से प्रदेश की पहली ऑटोमैटिक फिलिंग मशीन लगाई गई है. इससे मिलावटी और नकली शराब की शिकायत तो दूर होगी ही, साथ ही उसका उत्पादन भी बढ़ेगा. इसके अलावा सरकार को हर महीने करीब पांच लाख रुपयों की बचत होगी.

मशीन से आठ कार्मिकों की देख रेख में रोजाना 5500 कार्टन तैयार हो रहे हैं, जबकि मैनुअल में 40 लोग 15 सौ से 16 सौ कार्टन ही भर पाते थे. 4 जनवरी को जयपुर में आयोजित वित्त विभाग की मीटिंग में देशी शराब की बिक्री कम होने और पैकिंग खराब होने की शिकायतें सामने आईं. अधिकारियों ने ऑटोमैटिक फिलिंग मशीन पर चर्चा की और बीकानेर इसकी कामयाबी को देखते हुए प्रदेश के 15 अन्य जिलों में भी लगाने का फैसला किया गया. इसके अलावा बीकानेर में एक मशीन और लगाई जाएगी.

बीकानेर के जिला आबकारी अधिकारी मोहनराम पूनिया का कहना है कि बीकानेर में लगी प्रदेश की पहली ऑटोमैटिक फिलिंग मशीन से ग्राहकों को शिकायतें दूर होने लगी हैं. इसके अलावा सरकार के भी रोजाना 16500 रुपए की बचत हो रही है. जीरो प्रतिशत वेस्टेज से करीब सौ लीटर शराब बचेगी. इससे 11,100 रुपए एक्साइज ड्यूटी, 4400 रुपए बेसिक लाइसेंस फीस और 1500 रुपए रोजाना वैट बचेगा. सबसे अहम है कि शराब दुर्घटनाओं की आशंका नहीं रहेगी.

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